18upchoti !

Enjoy daily new desi sex stories at 18upchoti erotic literature forum. Also by creating an account here you will get exclusive access to features such as posting, discussion, & more. Feel free to sign up today!

Register For Free!
  • Having trouble reading at night? Try Dark Mode by clicking at the top bar.

Hindi - हिन्दी Audio Story सर्दी की रात में भाई ने चोदकर ठण्ड भगाई

  • Thread Author
गरम चूत का इलाज मैंने करवाया अपने भाई से. शादी के बाद जब मैं मायके आई तो मुझे पति का लंड याद आया और मेरी चूत मचलने लगी. तब मैं भाई की रजाई में घुस गयी.

यह कहानी सुनें.

Audio Story​

Listen to audio version of this story here...



फ्रेंड्स! मेरा नाम नेहा है।
मैं राजस्थान में अलवर जिले के एक गांव में रहती हूँ।
मेरी उम्र 35 साल है। मेरा बदन 36 32 36 है। मेरी शादी हो चुकी है।

यह गरम चूत का इलाज की कहानी उस समय की है जब मेरी शादी को 3 महीने हो गए थे।

मेरी शादी 2012 में हुई थी।
ससुराल में मेरे पति ने मुझे जमकर चोदा था।
शादी से पहले मैंने किसी के साथ सेक्स नहीं किया था।

कुछ समय बाद मैं मायके आ गई।

मेरे मायके में मम्मी पापा और छोटा भाई रवि है, जो मेरे से 2 साल छोटा है।

मायके आए हुए मुझे 10 दिन हो गए थे।

ससुराल में मेरा पति मुझे रोज चोदता था।
मुझे भी अब सेक्स की आदत सी हो गई थी।
अब मायके में आने के बाद मेरी चूत में खुजली होती थी जो मैं सोते समय अंगुली से शांत कर लेती थी।

मेरे मायके वाले घर में दो ही कमरे थे।
एक में मम्मी पापा और दूसरे में मैं और मेरा भाई सोते थे।

एक रात मेरी चूचियां अकड़ गई और चूत में बहुत खुजली होने लगी।
मैंने अपनी अंगुली से उसे शांत करने की कोशिश की।

सुबह 5 बजे फिर से मेरी चूत में खुजली शुरू होने लगी।
सर्दी का समय था और मुझे अपने पति के लौड़े की याद सता रही थी।

मुझसे रहा नहीं गया तो मैं गरम चूत का इलाज करवाने अपनी खाट से उठकर भाई के पलंग पर आ गई।
फिर मैं उससे बोली– मुझे बहुत ज्यादा सर्दी लग रही है! हम दोनों एक ही रजाई में सोते है!

भाई कुछ नहीं बोला और मैं उसकी रजाई में घुस गई।
10 मिनट ऐसे ही लेटी रही।

फिर मैंने महसूस किया कि भाई दूसरी तरफ मुंह करके लेटा हुआ है।

मैंने अपनी एक टांग उसकी टांग पर चढ़ा दी और दूसरी टांग पर अपनी चूत सेट कर दी।
उसकी दोनों टांगों के बीच में अंतर था।
ऊपर से उसकी पीठ पर मैंने अपनी बड़ी–बड़ी चूचियां लगा कर थोड़ा दबाव बनाया।

10 मिनट तक मैं ऐसे ही लेटी रही।
फिर मेरे भाई ने करवट ली और मेरी तरफ मुंह करके अपनी एक टांग मेरी दोनों टांगों के बीच में डाल दी।

जब मैं उसकी रजाई में घुसी तब से ही वह जगा हुआ था यह बात उसने मुझे बाद में बताया था।

अब उसका घुटना मेरे दोनों घुटनों के बीच में था।
हम 2 मिनट ऐसे ही लेटे रहे।

फिर मैंने पहल की और अपनी एक टांग को थोड़ा आगे बढ़ाया।
2 मिनट बाद उसने अपनी टांग मेरी जांघ तक पहुंचा दी और थोड़ा दबाव बनाया।

थोड़ा रुकने के बाद मैंने अपनी टांग को आगे बढ़ाया और उसकी टांग को अपनी चूत के पास लगा दी और थोड़ा दबाव मैंने भी बनाया।

2 मिनट रुकने के बाद वो ऊपर की ओर सरक कर उसने अपनी छाती को मेरी चूचियों पर लगा दी और अपना एक हाथ मेरी पीठ की तरफ रख दिया।

अब मैं पूरी तरह से उसकी जकड़ में आ चुकी थी।
मैंने धीरे–धीरे अपने चूत से उसके पैर पर दबाव देने लगी तो वह भी अपने पैर से दबाव देने लगा।

मैं समझ गई थी कि आग उधर भी लगी हुई है।
वह धीरे से मेरे कान के पास अपना मुंह लाकर बोला– दीदी अब तड़पाओ मत!

बस मुझे इतना सुनना था कि मैं सीधा उसके होंठों को चूसने लग गई।

वह भी लगातार मेरा साथ दे रहा था और मेरे सूट के ऊपर से ही मेरी चूचियों को दबाने लग गया।

मैंने जल्दी से उसके पायजामा में हाथ डालकर उसके लंड को पकड़ लिया और सहलाने लग गई।
उसका लंड मेरे पति जितना ही बड़ा था पर ज्यादा मोटा था।

वह मेरे शर्ट ऊपर करके मेरी चूचियों को अपने मुंह में लेकर चूसने लगा।
फिर मैंने उसका लंड बाहर निकाल लिया और नीचे जाकर चूसने लगी।

काफी दिन बाद लंड मिल रहा था तो जमकर चूसा और उसके लंड ने पानी छोड़ दिया और मैंने सारा माल एक बार में गटक गई।
अब मैं ऊपर आ गई और वह मेरे स्तनों को दबाने लगा।

अपने एक हाथ से मैंने अपनी सलवार और चड्डी निकाल दी।
उसका लंड फिर से खड़ा हो गया।

मैंने कहा– चल रवि, मेरी चूत चाट दे!
वह मेरी चूत चाटने लगा।
मुझे मजा आ रहा था।

फिर मैंने कहा– ज्यादा मत तड़पा अपनी दीदी को! डाल दे अपने लंड को मेरी चूत में और बुझा दे प्यास मेरे भाई!

मेरे भाई ने झट से अपने लौड़े को मेरी चूत पर सेट किया और एक ही झटके में पूरा लौड़ा मेरी चूत में घुसा दिया।
मेरी तो जान ही निकल गई थी।
दो–चार बार लंड अंदर बाहर करने के बाद मुझे मजा आने लगा।

करीब 10 मिनट की चुदाई के बाद रवि ने कहा– मैं झड़ने वाला हूँ!
मैंने कहा– मेरी चूत में ही झड़ जा! ये कब से प्यासी है।

मैंने अपने दोनों हाथों से उसे कस के छाती से लगा लिया और वह मेरी चूत में ही झड़ गया।
मैं अब तक दो बार झड़ चुकी थी।

हमने अपने–अपने कपड़े पहने और अपनी–अपनी खाट पर सो गए।
उसके बाद मैं मायके में 5 दिन और रुकी।

मम्मी पापा के सोने के बाद रवि मुझे रोज़ दो बार चोदकर सोता था और सुबह 5 बजे भी घरवालों के जागने से पहले उठकर मुझे चोदता था।

मैं अब जब भी घर जाती हूँ तो हम एक दो बार मौका देखकर खूब चुदाई करते है।

अब भाई की भी शादी हो चुकी है।
हम हर कुछ दिन पर फोन पर बात करते है।

मैं तभी मायके आने का योजना बनाती हूँ जब भाभी अपने पीहर गई हुई होती है।
क्योंकि तभी रवि का लौड़ा खाली रहता है और मैं भी उसके पलंग पर सोने चली जाती हूँ और हम रात भर खूब चुदाई करते है।

मेरे अभी दो बेटे है जिसमें से पहला बेटा रवि का ही है।
क्योंकि मेरे पति हमेशा मुझे कंडोम पहन कर चोदते थे और रवि हमेशा अपना माल मेरी चूत में छोड़ देता था।

रवि से चुदने के बाद मेरे पति का लंड मुझे पतला लगने लग गया।
इसलिए अब मैं ज्यादातर अपने भाई रवि से ही चुदती हूँ।

तो दोस्तो, इस तरह से मैंने अपनी गरम चूत का इलाज किया.
यह थी भाई बहन की जबरदस्त सेक्स कहानी!
धन्यवाद!
nehasharma2234@ymail.com
 
Love reading at 18upchoti? You can also share your stories here.
[ Create a story thread. ]
Top