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Hindi - हिन्दी Audio Story मेरी वर्जिनिटी स्कूल में टूटी - Desi School Girl

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इंडियन स्कूल गर्ल चुदाई की कहानी एक कुंवारी लड़की की है जो अपनी सहेलियों की चुदाई की कहानियां सुन सुन कर उत्तेजना महसूस करती. उसने अपना बॉयफ्रेंड बनाकर पहली चुदाई कैसे की?

यह कहानी सुनें.

Hindi Audio Sex Story​

Listen to this desi audio xxx story about indian school girl below...



दोस्तो, मेरा नाम कृपा है. मैं 23 साल की हूँ.
आज मैं आपको अपनी पहली सेक्स कहानी बताने जा रही हूँ.

यह इंडियन स्कूल गर्ल चुदाई की कहानी उन दिनों की है जब मैं 12वीं कक्षा में पढ़ती थी.
मेरी दो पक्की सहेलियां थीं.

हमारे बीच हर तरह की बातें होती थीं.
मसलन पीरियड्स का स्टार्ट होना, ब्रेस्ट की साइज़ में फर्क आना आदि इत्यादि.

मेरी ये दोनों सहेलियां सेक्स में बड़ी पारंगत थीं.
वे अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ चुदवाती भी थीं.

मेरा अभी तक कोई ब्वॉयफ्रेंड नहीं बना था क्योंकि मैं किसी लड़के से बात नहीं करती थी.

उस वक्त मेरा फिगर 32-28-34 का था और मैं एकदम सेक्सी स्लट जैसी दिखती थी.
बहुत सारे लड़के मुझसे बात करने की और दोस्ती करने की कोशिश करते रहते थे.

मेरी सहेलियां मुझे अपनी चुदाई की बातें बताती रहती थीं.
उनकी चुदाई की बातों से मैं भी काफी उत्तेजित हो जाती थी.

वे मुझे पॉर्न दिखाती हुई बताती थीं कि आज उनके ब्वॉयफ्रेंड ने उन्हें इस पोज में चोदा और आज इस पोज में मेरी ली.

इन्हीं सब वजहों से मैंने भी मोबाईल में पॉर्न देखना शुरू कर दिया.
देखते ही देखते कब मैं अपनी बुर से खेलने लगी, मुझे पता ही नहीं चला.

कुछ समय बाद मेरा भी एक ब्वॉयफ्रेंड बन गया.
मुझे भी उसके साथ चैट करने में मज़ा आने लगा था.

मेरी सहेलियां मुझसे कह रही थीं कि तुम्हें भी अब अपनी बुर की ओपनिंग करवा लेनी चाहिए.
पर मैं अभी चुदवाने के लिए तैयार नहीं थी या यूं कहें कि मैं डर रही थी.

इसका मुख्य कारण यह था कि मेरी इन दोनों सहेलियों ने मुझे बताया था कि उनका पहला अनुभव काफी कष्टप्रद रहा था. पहली बार कि चुदाई में उन्हें बहुत दर्द हुआ था.
मेरे ब्वॉयफ्रेंड ने कई बार मुझसे चुदाई के लिए इशारे में कहा भी था, पर मैं राजी नहीं थी.

हालांकि अब हम दोनों चैट में या कॉल पर थोड़ी बहुत सेक्स वाली बातें भी करने लगे थे.

वह बहुत बार मुझको चुदाई के लिए सैट करने की कोशिश कर चुका था.
पर मैं ‘अभी नहीं …’ कह कर उसे टालती रहती थी.

इस तरह समय निकलता गया.
अब जनवरी का महीना आ गया था.

मेरा बोर्ड का एग्जाम था तो बस एग्जाम की तैयारी चल रही थी.
स्कूल जाना भी कम हो गया था.

तब भी हम दोनों को मिलने का बहाना चाहिए ही था.
हम दोनों अभी भी स्कूल जाने के नाम पर घर से बाहर रहे थे.

उन्हीं दिनों एक घटना हुई.
अगले 3 दिन बाद मेरे ब्वॉयफ्रेंड का बर्थडे आ रहा था.

फोन पर चैटिंग करते समय उसने मुझसे बर्थडे गिफ्ट में मेरी वर्जिनिटी माँगी.

चूंकि मैं चुदने के लिए राजी नहीं थी तो मैंने उससे साफ़ मना कर दिया.

उसको मेरी यह बात पसंद नहीं आई.
वह गुस्सा हो गया.
ऐसा उसकी बातों से मुझे लगा.

लेकिन वह मेरे साथ रिश्ता तोड़ना नहीं चाहता था.

उसने ज़िद नहीं की पर जब भी हम बात करते थे तो इस बात का जिक्र होता ही था.

अब मैं भी हर रात को अपने आपसे खेलने लगी थी.
बुर में उंगली करने के साथ साथ नयी नयी पॉर्न मूवीज देखने लगी थी.

कभी कभी तो मुझे ऐसा भी ख्याल आने लगता था कि मेरी सहेलियों के ब्वॉयफ्रेंड मेरे साथ सेक्स कर रहे हों.

मैं बस यही सोच कर और भी मस्त होकर अपनी चूत में उंगली करने लगती.
उस वक्त मैं एक अलग ही दुनिया में निकल जाती थी.

ब्वॉयफ्रेंड के बर्थडे वाले दिन रात को 12 बजे मैंने कॉल करके उसको विश किया.

अभी भी वह कुछ नाराज़ सा लग रहा था.

मैंने रात भर इस बारे में बहुत सोचा और आखिर में मैंने तय किया कि अगर वह कल भी ये बात करता है, तो मैं उससे सेक्स करने के लिए हां कर दूँगी.
मैं उसकी बर्थडे पर उसे दुखी देखना नहीं चाहती थी.

अगले दिन हम दोनों क्लास में जल्दी पहुंच गए थे.
मैंने उसे सामने से बर्थडे विश किया.

उसने मुझे मेरे माथे पर किस किया.

माथे पर किस करवाने के बाद मुझे पता नहीं क्या हुआ, पर बहुत अच्छा महसूस हो रहा था.

यह हमारी पहली किस थी.

जब यह पहली चुम्मी थी, तो यह तो लाजिमी है कि अभी हमारी लिपकिस तो हुई ही नहीं थी.

कुछ देर के बाद क्लास शुरू हो गयी.

वह बार बार मुझे ही देख रहा था और मैं उसे देख कर शर्मा रही थी.

हमारी आखिरी क्लास के पहले वाले ब्रेक में हम दोनों स्कूल के पुराने स्टोररूम में चले गए.
क्योंकि मैं उसके लिए छोटा सा केक अपने स्टील के टिफिन में रख कर लाई थी.

वहां पर सारी चीजें इधर उधर पड़ी थीं.

चूंकि वहां पर कोई आता-जाता नहीं था तो यह जगह हम दोनों को सेफ लगती थी.

उधर हम दोनों ने केक कटिंग की, एक दूसरे को केक खिलाया और आलिंगन करके पहली होंठों वाली चुम्मी की.
शुरुआत में तो ज्यादा मज़ा नहीं आया, पर बाद में हम दोनों एकदम तन्मयता के साथ किस करने लगे.

किस करते वक्त मैंने अपनी आंखें बन्द कर ली थीं क्योंकि मुझे शर्म आ रही थी.
लिप किस करते हुए ही उसने मुझे गर्दन पर, हाथ पर, कान पर भी किस किया.

फिर उसने केक का एक बाइट खाया और मुझे किस करने लगा.
उसने अपने मुँह में दबा हुआ वह केक मुझे मेरे मुँह में दे दिया.

मुझे सच में उसका यह अंदाज बहुत ही अच्छा लगा.
अब तो पूरा केक हम दोनों ने एक दूसरे को इसी तरह से खिलाया.

केक खाने के बाद हम दोनों की जीभें एक दूसरे के मुँह में अठखेलियां कर रही थीं.
केक का मीठा स्वाद हमारे प्यार को भी मीठा अहसास दिला रहा था.

इसी तरह से अपने प्रेमी को किस करते करते मैं एकदम मदहोश हो चुकी थी.

मेरे बूब्स ब्रा में जैसे समा ही नहीं रहे थे.
मुझे अपनी ब्रा एकदम टाइट महसूस होने लगी थी.
साथ ही मेरे निपल्स एकदम नुकीले हो गए थे.

उसका लंड भी खड़ा होने लगा था और वह मैंने अपनी टांगों के बीच में बुर पर गड़ता हुआ महसूस भी किया.
मुझे किस करते हुए वह अपने हाथ मेरे मम्मों पर फेरने लगा.

इस बार मैंने उसे जो भी करना था, करने दिया.

अब धीरे से उसने मेरी गांड पर हाथ घुमाया और मैं अपने हाथ से उसके पैंट में फूल चुके लंड को टच कर रही थी.
उसका लंड सलामी देने लगा था.

मुझे कुछ महसूस होता, उसके पहले उसने अपने हाथ मेरे मम्मों पर जमा दिए और एक दूध को ज़ोर से दबा दिया.

मैंने आह की आवाज़ कर दी.
उसने मेरी फ्रॉक को ऊपर कर दिया.

जब मैंने उसे मना नहीं किया तो वह समझ गया कि मेरा भी मूड है.
उसने मेरी फ़्राक को उतार दिया.

मैं उसके सामने सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी.
मेरी गुलाबी ब्रा पैंटी में उसकी आंखें मानो वासना से भर गई थीं.

उसने ब्रा को बिना खोले मेरे मम्मों से नीचे सरका दी और मेरे निप्पल मींजने लगा.

मुझे इस तरह से अपने दूध मसलवाने में मज़ा नहीं आ रहा था तो मैंने हाथ पीछे करके अपनी ब्रा का हुक खोल दिया.

यह देख कर वह खुश हो गया.

अब मेरे बूब्स उसको आसानी से हाथ में लेकर दबाने को मिल गए थे.

उसने जल्दी से अपने आपको नंगा कर लिया और मैं उसका लंड देख कर घबरा गयी.
उसका लंड बहुत ही बड़ा था.

उसने मेरी गांड पर हाथ से सहलाया और मेरी पैंटी की इलास्टिक में अपनी उंगलियां फंसा कर उसे नीचे को सरका दिया, फिर हाथ से पकड़ कर पैंटी निकाल दी.

अब मैं अपने स्कूल के इस छोटे से स्टोररूम में पूरी नंगी थी.
फिर उसने मुझे नीचे लेटा दिया और मेरी बुर में उंगली करने लगा.

आज उसकी उंगली से मुझे अपनी बुर में कुछ अलग ही मज़ा आ रहा था.
मैं सेक्स में एकदम खो चुकी थी.

इंडियन स्कूल गर्ल चुदाई का रास्ता खुल चुका था.

कुछ देर बाद उसने अपना लंड मेरी बुर पर रगड़ना शुरू किया.
मेरी बुर भी लिसलिसी होकर लंड को गड़प कर जाना चाहती थी.
मैं भी उसके लौड़े को चुत में ले लेने के लिए हरकत करने लगी थीं.

तभी उसके लंड को मेरी बुर का छेद मिल गया और उसने धीरे से अपने लंड को मेरी बुर के अन्दर पेल दिया.
उसके लंड का सुपारा बुर के अन्दर जाते ही मेरी चुत से पक्क की आवाज़ आई.

मैं एकदम गीली हो चुकी थी तो बुर के पानी ने पक्क की आवाज के साथ लंड का स्वागत किया था.
फिर जैसे ही उसके लंड का सुपारा और अन्दर गया, मेरी आह निकल गयी.

मुझे अब दर्द होने लगा था. चुत की सारी मस्ती काफूर हो चुकी थी.
उसने मेरी ‘आह उह’ पर ध्यान नहीं दिया और लगा रहा.

कुछ ही झटकों में उसने अपना पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर पेल दिया था.
मेरी पूरी बॉडी टाइट हो गयी थी और मैं उसका गर्म लंड अपने अन्दर महसूस कर पा रही थी.

अब उसने और ज़ोर से झटके देने शुरू कर दिए.
मैं उसके हर एक झटके पर दर्द महसूस कर रही थी पर मैं उसे रोकना नहीं चाहती थी.

वह मेरी कसी हुई चूत में काफी ताकत से झटके लगा रहा था.
मैंने कहा- धीरे करो बहुत दर्द हो रहा है.
वह बोला- धीरे करूंगा तो पहली चुदाई याद नहीं रहेगी.

शायद वह सही कह रहा था.
उसके तेज तेज झटके मुझे सहने ही थे.

कुछ ही देर में मुझे कुछ चिपचिपा सा लगा. मैंने हाथ लगाया तो वह पानी सा था.
मैंने ध्यान नहीं दिया.
पर बाद में जानकारी हुई थी कि वह पानी नहीं था बल्कि मेरी चुत से निकला हुआ खून था.

थोड़ी देर बाद मेरा दर्द कम हो गया और अब मुझे भी मज़ा आने लगा.
कुछ देर बाद वह मुझे डॉगी बना कर चोदने लगा था.

वह मेरी कमर पकड़ कर मुझे चोद रहा था और अपने एक हाथ से मेरी चूची को मींज रहा था.

एक साथ चुत में लंड और चूची का मसला जाना मुझे बेहद लज्जत का अहसास करा रहा था.

यह आसन मुझे बड़ा ही सुखद लग रहा था और शायद अब यही आसन मेरा पसंदीदा आसन भी बन गया था.

मैं भी अपनी गांड उठा उठा कर उसका साथ दे रही थी.
चुदाई करते करते उसने ज़ोर ज़ोर से मुझे चोदना चालू कर दिया और वह मेरी चुत में ही झड़ गया.

चूंकि हमारे पास कंडोम नहीं था और वह खुद पर कंट्रोल ही नहीं कर पाया.
उसका रस जैसे गर्म लावा था.
चुत के अन्दर जाते ही उसकी इस मलाई ने मुझे बेहद सुकून दिया था और काफी गर्म गर्म कर दिया था.

चुदाई के बाद जब मैं खड़ी हुई, तो उसका लंड रस मेरी चुत से निकल कर जांघों से होकर नीचे बहने लगा.
हम दोनों ने जल्दी से अपने आपको साफ किया और वहां से कपड़े पहन कर आ गए.

उस दिन के बाद तीन रात तक मुझे चुत में दर्द होता रहा.
पर मैं अब उससे दूसरी बार चुदाई का प्लान बना रही थी.

यह थी मेरी वर्जिनिटी टूटने की यात्रा.

इंडियन स्कूल गर्ल चुदाई की कहानी अच्छी लगी होही अओको!
तो मुझे मेल जरूर करें.
 
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