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Hindi - हिन्दी मुंह बोली बहन मेरे फ्लैट पर रहने आई

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Part 1​

न्यूड कपल सेक्स कहानी में एक लड़की से मेरी दोस्ती हुई, वह मुझे भाई कहने लगी. हालात के चलते वह मेरे घर के एक कमरे में रहने आ गई थी. तब क्या हुआ?

दोस्तो, मेरा नाम अहमर खान है और मैं कन्नौज का रहने वाला हूं.

आज मैं अपनी पहली सेक्स कहानी आप सबके सामने ले के आया हूं.
अगर कोई गलती हो तो माफ करना।

न्यूड कपल सेक्स कहानी शुरू करने से पहले मैं अपने और अपनी इस मुंह बोली बहन के बारे में आपको बता दूं.
मैं एक 5.5 फीट हाइट का एक गुड लुकिंग लड़का हूं.

मेरी मुंह बोली बहन जो इस कहानी की अहम किरदार है उसका नाम इल्मा (बदला हुआ नाम) है.
उसकी हाइट 5.1 फीट है और वह काफी गदराये हुए, भरे हुए जिस्म वाली थोड़ी सी अच्छी सेहत वाली चबी गर्ल है.
उसका फिगर बहुत गज़ब 38-34-36 का है जो मुझे उसको चोदने के बाद पता चला।

आज से यही कोई 5 साल पहले मेरी एक लड़की से इंस्टाग्राम पर बात हुई थी जिसका नाम इल्मा था.
तो तब से हम दोनों एक दूसरे को भाई बहन मानते थे और हमारी कभी फोन पर तो कभी इंस्टाग्राम या व्हाट्सएप पर बात हो जाती थी.
लेकिन हम कभी भी एक दूसरे से आमने सामने नहीं मिले थे.

अब कहानी पर आते हैं.
तो यह बात आज से 1 महीने पहले की है जब मैं दिल्ली में रह कर जॉब कर रहा था.
मैं एक साधारण कॉलोनी में मकान किराए पर ले कर रहता था.

यह मकान 2 मंजिल बना था लेकिन काफी छोटा था तो सिर्फ एक रूम ऊपर बना हुआ था और एक रूम नीचे बना था.

वैसे तो ऊपर और नीचे का किराया अलग अलग था लेकिन मैंने अपने मकान मालिक से शुरुआत में ही बात करके डबल किराए में कुछ कम करवा के दोनों पोर्शन मतलब पूरा मकान किराए पर ले लिया था क्योंकि मुझे प्राइवेसी पसंद थी और मैं नहीं चाहता था ऊपर कोई और रहे आकर जिसमें मुझे कोई प्राब्लम हो।

मुझे वहां रहते हुए एक महीना हो गया था.

तभी एक दिन मैं मॉल घूमने गया तो वहां मुझे इल्मा दिखाई दी.
मैंने इल्मा को और इल्मा ने मुझे फोटो में पहले से ही देखा हुआ था तो मैं उसे पहचान गया.

अभी उसने मुझे नहीं देखा था लेकिन कुछ देर बात उसकी नज़र भी मुझे पर पड़ गई और वह भी मुझे पहचान गई.
,
हम दोनों की नज़रें मिली तो हम दोनों एक दूसरे को देख के शॉक थे क्योंकि यहां मिलने की हम दोनों को उम्मीद नहीं थी.

उसने मुझे सलाम किया, मैंने जवाब दिया और फिर हम दोनों उसी मॉल के डोमिनोज में गए.
मैंने पिज्जा ऑर्डर किया और हम दोनों बातों में लग गए.

तब मैंने उसे अपनी जॉब का बताया और उसने मुझे अपनी जॉब का बताया.

वह नर्सिंग का कोर्स किए हुए थी तो वह वहीं एक गायिनी लेडी डॉक्टर के हॉस्पिटल में नर्सिंग की जॉब करती है और अपनी एक फ्रेंड के साथ रूम लेकर रहती है.
उसने हॉस्पिटल का नाम और पता बताया जो मेरे घर से सिर्फ 7 किमी की दूरी पर था.
लेकिन इल्मा जहां रूम लेकर रहती थी वहां से उसके हॉस्पिटल की दूरी 25 किमी थी।

फिर हम दोनों जब भी फ्री होते थे तो मिल लेते थे.
कभी कभी हम साथ में बाहर ही डिनर भी कर लिया करते थे.
मेरे मन में इल्मा के लिए कोई भी गलत ख्याल नहीं था।

एक दिन इल्मा ने मुझे कॉल की.
उस दिन वह कुछ परेशान थी.

उसने मुझसे अर्जेंट मिलने को कहा.
तो मैंने पूछा- कहां आना है?

तब उसने मेरे फ्लैट का एड्रेस पूछा जहां मैं रहता था.
वह बोली कि वह खुद आ रही है मेरे पास!

तो मैंने उसे रास्ता बता दिया और मैं उसे मेन रोड पर लेने चला गया.
फिर वह आई तो वह चेहरे से भी काफी उदास लग रही थी.

मैंने उससे हाल पूछा और हम दोनों घर की तरफ चल दिए।

घर पर पहुंच के मैंने नाश्ता निकाला और हम चाय नाश्ता करने लगे.

फिर मैंने उससे पूछा- तुम इतनी परेशान क्यों हो?
तो उसने बोला- भाई मैं एक मुसीबत में हूं और आपसे मशवरा करने आई हूं.
मैंने उससे पूछा- मुझे बताओ क्या बात है?

तो उसने बताया कि उसकी जो फ्रेंड उसके साथ रहती थी (जो कि इल्मा के साथ उसी हॉस्पिटल में जॉब करती थी) वह अब अपनी किसी और फ्रेंड के रूम पर शिफ्ट हो रही है जो हॉस्पिटल से 2 किमी की दूरी पर है.
तब मैंने कहा- इसमें परेशान होने की क्या बात है?
तो इल्मा ने बताया कि वे दोनों उस फ्लैट का रेंट आधा आधा देती थी जो अब सबा (इल्मा की फ्रेंड) के जाने के बाद पूरा इल्मा को ही देना पड़ेगा।

इल्मा कह रही थी कि वह पूरे फ्लैट का रेंट अकेले नहीं दे सकती क्योंकि रेंट अकेले के हिसाब से ज़्यादा था।

पहले तो मुझे उसकी इस समस्या का कोई समाधान नज़र नहीं आ रहा था जबकि मेरे घर में ऊपर वाला रूम खाली था और मैं पूरे घर का किराया दे रहा था.
लेकिन मुझे इल्मा से अपने साथ रहने के लिए कहना ठीक नहीं लग रहा था कि वह कहीं इस बात का गलत मतलब न निकल ले जबकि मेरे मन में उसके लिए कोई गलत ख्याल नहीं था।

मैंने इल्मा से पूछा- सबा कब जा रही है फ्लैट छोड़ के?
तो इल्मा ने जवाब दिया- 4-5 दिन में चली जायेगी. क्योंकि एक हफ्ते बाद किराए का महीना पूरा हो जायेगा और सबा इस महीने का आधा किराया दे के चली जायेगी. उसके बाद से पूरा किराया मुझे ही देना पड़ेगा.

और वह मुझसे बोली- भाई, आप ही कुछ बताओ कि मैं क्या करूं.
और वह रूआंसी सी हो गई.

मुझसे यह देखा नहीं गया तो मैं उससे बोला- अगर तुम्हें कोई प्राब्लम न हो तो मेरा ऊपर वाला रूम खाली है जबकि मैं पूरे घर का रेंट देता हूं. तो अगर तुम चाहो तो ऊपर वाले रूम में शिफ्ट हो जाओ. जब तुम्हें अपने बजट का रूम मिले तो चेंज कर लेना।

मेरे इतना कहते ही जैसे उसके चेहरे की सारी उदासी गायब हो गई, जैसे उसकी सारी समस्याओं का समाधान हो गया।

तभी इल्मा अचानक मुझसे बोली- भाई, आपके फ्लैट का किराया कितना जाता है?
तो मैंने उससे कहा- तुम क्यों पूछ रही हो?
वह बोली- आधा मैं दूंगी … इसलिए पूछ रही हूं!
तो मैंने कहा- इसकी कोई जरूरत नहीं है, मैं तो पहले से ही पूरा किराया दे ही रहा था और अगर तुम नहीं भी रहने आती तो भी मैं तो दे ही रहा था. इसलिए तुम्हें किराए की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. बाकी घर का जो भी काम तुम करना चाहो वह कर सकती हो, मैं मना नहीं करूंगा.

इस पर इल्मा बोली- भाई, अबसे मैं हम दोनों का खाना बनाया करूंगी और जो भी काम हैं, मैं कर लिया करूंगी.

उस दिन हम दोनों ने बाहर डिनर किया और वह अपने फ्लैट पर चली गई और मैं अपने फ्लैट पर आ गया।

फिर दो दिन बाद इल्मा का फोन आया, उसने मुझसे कहा- मैं कल आ रही हूं अपना सामान लेकर!
तो मैंने कहा- ठीक है, मुझे फोन कर देना कल मैं छुट्टी कर लूंगा और तुम्हें लेने आ जाऊंगा.

अगले दिन मैं उसके रूम से उसका सामान उठवा कर ले आया और वह भी मेरे साथ आ गई.
मैंने उसके रूम में उसका सामान सेट करवाया और खाना बनाने खाने का जो भी इंतजाम उसके पास था वह इल्मा ने खुद ही नीचे वाले किचन में सेट करने को कहा.
तो सब कुछ नीचे सेट कर लिया हम दोनों ने!

शाम में इल्मा ने खाना बनाया, मैंने भी उसका साथ दिया और हम दोनों ने खाना खा लिया.

अब मैंने उससे कहा- मैं सोने जा रहा हूं. तुम भी ऊपर अपने रूम में सोने जाओ.
लेकिन वह कुछ घबरा रही थी.

मैंने वजह पूछी तो वह बोली- मुझे डर लगता है रात में!
तो मैंने उसे समझाया- अगर तुम्हें किसी भी टाइम डर लगे तो मुझे आवाज़ लगा देना.

इस तरह से हम दोनों अच्छी तरह से रहने लगे.
रोज़ खाना खाने के बाद हम दोनों 10 बजे अपने अपने रूम में सोने चले जाते थे।

अब एक हफ्ता बीत चुका था इस पूरे हफ्ते में इल्मा को ऊपर वाले रूम में एक बार भी डर नहीं लगा क्योंकि मैंने उसे समझा के उसका डर निकाल दिया था.
वह ऊपर जाने के बाद सीधे सुबह में ही उठ कर आती थी.

तो अब मैं भी अपना रात का पहले वाला रूटीन शुरू करना चाहता था.
इल्मा के आने से पहले मैं रात में सारे कपड़े उतार के बिल्कुल नंगा होकर लैपटॉप में पोर्न देख के लंड सहलाता था और फिर ऐसे ही सो जाता था.
अब इल्मा के आने के बाद से यह सब बंद था क्योंकि मुझे डर रहता था कि कहीं रात में इल्मा डर की वजह से उठ कर नीचे न आ जाए.

लेकिन अब एक हफ्ते तक जब ऐसा कुछ नहीं हुआ तो मैं बेफिक्र हो गया और फिर मैंने पहले की तरह बिना कपड़ों के सोना शुरू कर दिया और सुबह को 5 बजे उठ के फिर से कपड़े पहन के सो जाया करता था।

ऐसे करते हुए अभी दो दिन बीते थे.
तीसरे दिन भी रोज की तरह इल्मा 10 बजे सोने चली गई और मैंने 11 बजे अपने कपड़े उतार के पोर्न लगा ली.

लेट कर मैं लंड हिलाने लगा.
यही कोई 12 बजे मुझे अपने रूम के दरवाज़े पर कुछ आहट लगी.

तो मैंने इल्मा को नाम ले के आवाज़ लगाई तो इल्मा ने जवाब दिया- भाई, पानी पीने आई हूं.

मैंने अपने ऊपर चादर डाल ली.

और अगले 2 मिनट बाद ही उसके वापस जाने की आवाज जीने से आई तो मैं फिर से थोड़ी देर पोर्न देख के मुठ मार के सो गया।

रात के 2 बजे मेरी आंख खुली तो मैंने देखा इल्मा मेरे पास मेरी चादर में है और चादर उसकी कमर तक पड़ी है.
और कमर के ऊपर का जितना भी हिस्सा चादर से बाहर है उस पर एक भी कपड़ा नहीं है, उसकी नंगी पीठ मेरी तरफ थी.

मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये सब क्या हो रहा है.
तभी मैं चादर में से अपना हाथ बाहर निकल रहा था तो मेरे हाथ में एक कपड़ा टच हुआ जिसे मैंने बाहर निकाला तो वह इल्मा की पैंटी थी.

मैं एकदम हैरान था.
पैंटी दिखने के बाद यह तो साफ था कि इल्मा नीचे से भी बिल्कुल नंगी है.
और मैं तो पहले से ही नंगा सो रहा था।

इस पल से पहले मेरे मन में इल्मा के लिए कभी कोई गलत ख्याल नहीं आया था.
लेकिन आप लोग ही बताओ कि अब मैं भी कहाँ तक कंट्रोल करता!

मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा था और अब इल्मा की जांघ में टच हो रहा था.
मैंने इल्मा को एक बार नाम ले कर आवाज़ लगाई लेकिन उसकी तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं आया.

तो मैंने उसकी पीठ पर हाथ फेरा और पीठ पर होंठ घुमाने लगा और अपना हाथ चादर के अंदर डाल के इल्मा की जांघ को सहलाया.
तब उसने अपने ऊपर वाले पैर को पूरा आगे को कर लिया जिसकी वजह से उसकी चूत उभर आई.

मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरा तो उसकी चूत पर मुझे एक भी बाल नहीं महसूस हुआ और चूत गीली थी.

मैंने थोड़ी देर तक उसकी चूत अपने हाथ से सहलाई.
उसके बाद मैंने पूरी चादर हटा के नीचे फेंक दी.

अब वह मेरे सामने बिल्कुल नंगी लेटी थी, टांगों के बीच से उसकी चूत का थोड़ा सा हिस्सा ही दिख रहा था.
उसकी चूत इतनी गोरी लग रही थी कि मुझसे रहा नहीं जा रहा था और मैं उसकी चूत चाटने के लिए तड़प रहा था।

शायद हम दोनों न्यूड कपल सेक्स के लिए एक दूसरे के सामने नंगे थे.

मैंने धीरे से उसकी एक टांग को पकड़ के दूसरी तरफ किया ताकि उसकी चूत मेरे सामने आ जाए.
वह शायद जाग रही थी, सिर्फ सोने का नाटक कर रही थी.

तो वह मेरा साथ देते हुए अपनी टांग को खोलती हुई सीधी लेट गई.

अब उसकी एक टांग सीधी और एक टांग मुड़ी हुई थी जिससे उसकी नंगी चूत अब मेरे सामने थी.

उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. शायद 1 या 2 दिन पहले ही उसने साफ की थी.
और उसकी चूत एकदम गोरी और गुलाबी गुलाबी सी थी.

आप यकीन मानो जैसी चूत मैं रोज़ रात को इंग्लिश पोर्न में देखता था, इल्मा की चूत बिल्कुल वैसी ही थी क्योंकि इल्मा खुद भी बहुत गोरी चमड़ी वाली लड़की थी.

उसका पूरा नंगा बदन मेरे सामने था और मुझे बुला रहा था.

उस पर उसकी हल्की गुलाबी गुलाबी सी चूत कहर ढा रही थी.

न्यूड कपल सेक्स कहानी अगले भाग में चलेगी.
अभी तक की कहानी पर आप अपनी राय मुझ तक पहुंचाएं.
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Part 2​

कपल फक कहानी में ऑनलाइन बहन बनी लड़की मेरे किराये के घर में रहने आ गयी. हमारे कमरे अलग अलग थे. एक रात मेरी नीन्द खुली तो वह मेरे साथ नंगी लेटी थी.

कहानी के पहले भाग
मुंह बोली बहन मेरे साथ नंगी थी
में आपने पढ़ा कि इन्स्टा से मेरी दोस्ती एक लड़की से हुई. वह मुझे भाई कहती थी.
मेरी जॉब भी उसी के शहर में लग गयी.
संयोग से हम एक ही घर के दो अलग अलग कमरों में रहने लगे थे.
एक रात मेरी नींद खुली तो वह मेरे बिस्तर में थी.

अब आगे Xxx कपल फक कहानी:

अब मुझसे रहा नहीं गया, मैंने इल्मा की चूत पर अपने होंठ रख दिए और चाटना शुरू कर दिया.

बहुत मस्त स्वाद था उसकी चूत का … मुझे चाटने में बहुत मजा आ रहा था.
उसकी चूत से हल्का हल्का सा पानी बह रहा था जो मुझे और भी मदहोश कर रहा था.

अब मैंने इल्मा की चूत में अपनी जीभ डालनी शुरू की और धीरे धीरे जीभ अंदर तक डाल के मैं उसकी चूत चाटने का मजा लेता रहा।

अभी 10 मिनट हुए थे मुझे इल्मा की चूत चाटते हुए … अब वह धीरे धीरे कसमसाने लगी थी.
लेकिन अब मुझे उसके जागने का कोई डर नहीं था क्योंकि मुझे पता था वह जाग रही है, सिर्फ सोने का नाटक कर रही है.

अब वह हल्की सी सिसकारियां लेने लगी थी और मैं लगातार उसकी चूत को ऐसे चाट रहा था जैसे बरसों का प्यासा हूं.

फिर धीरे धीरे उसके हाथ मेरे सिर पर आ गए और वह मेरे बालों में हाथ फेरने लगी.

शायद अब वह झड़ने के करीब थी.

धीरे धीरे उसके हाथों का दबाव मेरे सिर पर बढ़ता जा रहा था.
अचानक वह काफी ज़ोर ज़ोर से चिल्ला कर झड़ने लगी.

अब वह बिना किसी डर के चिल्ला रही थी और मैं उसकी चूत से निकलता हुआ सारा पानी पीता रहा और उसकी चूत चाट चाट के साफ कर दी।

तब मैंने अपना सिर उठा के इल्मा की तरफ देखा तो हम दोनों की नज़रें मिली.
उसने मुझे पकड़ के अपने ऊपर खींच लिया.

अब हम दोनों के होंठ आपस में लिपट गए और वह मुझे पागलों की तरह ऐसे किस करने लगी जैसे वह कबसे इस पल के इंतजार में थी.

कभी वह मेरे होंठ चूसती तो कभी मैं उसके होंठ चूसता. कभी वह मेरी जीभ चूसती तो कभी मैं उसकी जीभ चूसता.

ऐसे ही हम दोनों 15 मिनट तक पागलों की तरह एक दूसरे को किस करते रहे.

फिर हम दोनों के होंठ अलग हुए.

अब मेरी नज़र उसके बूब्स पर थी.

उसके बूब्स काफ़ी बड़े बड़े हैं और उन पर छोटे छोटे गुलाबी रंग के निप्पल क्या गज़ब ढा रहे थे!
वह एक भरे हुए जिस्म की चबी गर्ल है उसका फिगर 38-34-36 का बहुत जबरदस्त फिगर है।

अब मैंने उसके बूब्स चूसने शुरू कर दिए और वह मेरे बालों को सहलाती रही.
मैं बारी बारी से उसके दोनों बूब्स चूसता रहा और उसके गुलाबी निपल्स का मजा लेता रहा.

करीब 5 मिनट मैंने उसके बूब्स चूसे उसके बाद एक लंबा स्मूच किया.

मैंने उसे और फिर होंठों को अलग करके उसकी आंखों में देखा और उससे पूछा- इल्मा, मजा आया?
तो उसने हां में सिर हिलाया.

फिर मैंने उससे पूछा- मेरा लंड चूसोगी?
तो भी उसने हां में सिर हिलाया और मुझे साइड में पलट के मेरे ऊपर आ गई।

अब वह पहले तो मुझे पागलों की तरह किस करने लगी.
क्या जबरदस्त किस था वह … उसका मैं शब्दों में बता नहीं सकता.

फिर किस करने के बाद वह मेरे सीने पर किस करने लगी और धीरे धीरे नीचे की तरफ बढ़ने लगी.

अब वह मेरे पूरे बदन को चूमते हुए मेरे लंड तक पहुंच गई.
मेरा लंड एकदम सख्त खड़ा था.

पहले वह लंड को हाथ से सहलाती रही, फिर उसने लंड पर जीभ फिरा के लंड को चाटना शुरू कर दिया.

मेरे लंड पर उसकी जीभ लगते ही मेरे अंदर करेंट सा दौड़ गया, मैं पूरे सुकून से इस पल का मजा ले रहा था.

उसने 3-4 बार अपनी जीभ से मेरे लंड को टोपे तक चाटा और फिर टोपा मुंह में लेकर चूसने लगी.

धीरे धीरे इल्मा मेरा पूरा लंड अपने गले तक अंदर लेकर चूसने लगी।

अब पूरे कमरे में उसके लंड चूसने की ‘पच पुच गप’ की आवाज गूंज रही थी और मैं मजे में आंखे बंद किए लंड चुसवाने का मजा ले रहा था.

कभी वह लंड को पूरा हलक तक लेजाकर रोक लेती तो और फिर झटके से बाहर निकलती, तो कभी वह मेरी गोलियों को चाटती.

ऐसे ही अलग अलग तरह से वह मुझे लंड चूस के मज़ा दे रही थी।

अब मेरा झड़ने का टाइम करीब आ रहा था.
मैंने इल्मा को बोला- मैं झड़ने वाला हूं.

तो उसने नज़रें उठा के मेरी तरफ देखा और अब उसने अपने होंठों को और अच्छी तरह से मेरे लंड पर जकड़ के चूसना शुरू कर दिया.
अब उसके होंठों की पकड़ और मेरे लंड के बीच हवा जाने भर की भी जगह नहीं थी.

इस तरह से वह फिर आंखें बंद करके लंड चूसने में मस्त हो गई।

उसके होंठों की पकड़ मजबूत होने से मुझे समझ आ गया था कि वह भी मेरे लंड का माल पीना चाहती है.

इसके बाद उसने लंड पर 7-8 चुस्कियां और लगाई.
अब मेरा लंड झड़ने लगा था लेकिन उसने अपने होंठों को जरा सा भी नहीं खोला और मैं उसके मुंह के अंदर झड़ने का मज़ा ले रहा था.

उसके मुंह की पकड़ मेरे लंड पर पूरी तरह से जकड़ी हुई थी.

मेरे झड़ने के 20 सेकंड बाद उसने मेरे लंड को अपने मुंह से बाहर निकाला.
तब तक लंड बिल्कुल साफ था.

इल्मा लंड से निकले माल की एक एक बूंद चाट गई और सारा माल पी गई.

अब वह मेरी तरफ देख के मुस्कुराई और फिर लंड मुंह में ले लिया और 30 सेकंड तक जब तक लंड में जान रही, तब तक उसने लंड चूसा।

उसके बाद वह मेरे पास में लेट गई.
हम दोनों एक दूसरे से लिपट गए और धीरे धीरे एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे.

करीब 5 मिनट तक किस करने के बाद हम दोनों के होंठ अलग हुए।

फिर मैंने इल्मा से पूछा- तुम मेरे पास रात में किस टाइम लेटी आकर?

तो वह मुस्कुराई, उसने मुझे बताया- मैं 3 दिन से लगातार तुम्हारे रूम के दरवाज़े से तुम्हें पोर्न देख के मुठ मरते हुए देख रही थी. ये सब देख कर मेरा मन भी नहीं मान रहा था. तभी आज अचानक मेरा हाथ दरवाज़े पर लग गया और तुमने सुन लिया और मुझे आवाज़ लगाई. तो मैं पानी पीने का बहाना करके वापस चली गई.

उसने आगे बताया- फिर मुझे नींद नहीं आई तो मैंने 1:30 बजे नीचे आकर देखा तो तुम सो रहे थे. मैंने चादर हटा कर देखी तो तुम नंगे थे और तुम्हारा लंड खड़ा था. तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने भी अपने सारे कपड़े उतारे और तुम्हारे पास में लेट गई. मैं जाग ही रही थी, तभी 2 बजे तुम भी जाग गए और फिर खेल शुरू हो गया।

उसके इतना बताते ही मैंने उससे पूछा- क्या तुमने कभी सेक्स किया है?
तो उसने बताया- किसी लड़के के साथ सेक्स कभी नहीं किया. लेकिन यहां शिफ्ट होने से पहले मैं और सबा (इल्मा की फ्रेंड) दोनों आपस में लेस्बियन सेक्स करती थी और रात भर मेरी तरह वह भी नंगी ही सोती थी!

मैंने पूछा- क्या क्या करती थी तुम दोनों लेस्बियन सेक्स में?
तो उसने बताया- किस करती थी, एक दूसरी के बूब्स दबाती थी, चूसती थी और चूत चाटती थी. सबा के पास डिल्डो भी था तो उस डिल्डो से एक दूसरी की चूत की चुदाई भी करती थी।

मुझे यह सब सुन कर मज़ा आया और अब मुझे ये भी पता चल गया था कि इल्मा की चूत चोदने के लिए मुझे खून खराबा नहीं करना पड़ेगा क्योंकि वह पहले ही डिल्डो का इस्तेमाल कर चुकी है।

अब मैंने उसकी मर्जी जानने के लिए उससे पूछा- मेरे साथ सेक्स भी करोगी या जितना अभी हुआ बस इतना ही?
तो उसने जवाब दिया- भाई, मुझे तुम्हारे साथ पूरा मज़ा चाहिए. जो चाहे करो मुझे फुल मज़ा चाहिए और मैं भी आपको फुल मज़ा देने को कोशिश करूंगी.

इतना सुन कर मैं तो खुश हो गया।

अब चुदाई का दौर शुरू होना था, मैं इल्मा के ऊपर चढ़ गया और अपने लंड को उसके मुंह के पास ले जाकर मैंने उससे कहा- लंड को गीला कर दो ताकि चूत में आसानी से चला जाए!

उसने गप से लंड मुंह में ले के चूसना शुरू कर दिया और कुछ ही देर में उसने लंड चूस चूस के गीला कर दिया.

अब मैंने पोजीशन बनाई और लंड को इल्मा की चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया.

इल्मा तड़पने लगी और कहने लगी- भाई, प्लीज जल्दी से अन्दर डाल दो अपना लंड!

मैंने कुछ देर उसे तड़पाने के बाद मैंने लंड का टोपा उसकी चूत पर सेट किया और धीरे से धक्का लगाया.
वह चिल्लाई- भाई धीरे से करो, तुम्हारा लंड बहुत मोटा है.

मैंने कहा- थोड़ा दर्द सह लो मेरी जान!

फिर मैंने धीरे धीरे लंड को इल्मा की चूत में डालना शुरू कर दिया.
इल्मा दर्द के मारे चादर को अपने हाथों में समेट रही थी.

लगभग 8-10 धक्कों में मेरा पूरा लंड इल्मा की चूत में अपनी जगह बना चुका था.
लेकिन अब तक इल्मा को काफी दर्द होने लगा था.

तो मैंने लंड को ऐसे ही उसकी चूत के अंदर रोक के इल्मा को किस करना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर बाद वह बराबर से मेरे होंठों को चूसने लगी.
मैं समझ गया कि अब इल्मा का दर्द बंद हो गया.

तो मैंने अब धीरे धीरे धक्के देना शुरू कर दिया.
मैंने 7-8 मिनट तक धीरे धीरे धक्के लगाए.

उसके बाद इल्मा भी नीचे से अपनी कमर चलाने लगी.
तो मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी.

अब मैं इल्मा को पूरे मज़े में चोद रहा था और वह मेरा पूरा साथ दे रही थी.

वह बड़ी गजब की आवाज़ें निकल रही थी- आह … भाई ई चोदो … अपनी इल्मा को … और ज़ोर से चोदो भाई … बहुत मज़ा आ रहा है तुम्हारा लंड अपनी चूत में ले के! आआ आआ अह्ह आह्ह्हह मेरी जान अहमर!

मैं लगातार इल्मा को मस्ती में चोदता रहा और वह सेक्सी आवाज़ें निकालती रही.

ऐसे ही चूत में लंड डाले डाले ही मैं उसकी साइड में पलट गया.
अब हम दोनों के जिस्म का एक हिस्सा बिस्तर पर था और हम दोनों मिरर पोजीशन में थे.

इस पोजीशन में मैं उसे चोदने लगा.

इल्मा मेरे होंठों को चूसने लगी.
मैं भी उसका साथ देने लगा और किस करते करते मैं उसकी चुदाई करने लगा.

इल्मा और ज़्यादा जोश में मुझे किस करने लगी और मुझे ज़ोर से अपनी बाहों में जकड़ने लगी.
फिर वह झड़ गई.

उसका पानी निकलने के बाद मुझे उसको चोदने में और भी ज़्यादा मज़ा आने लगा.

अब पूरे कमरे में चुदाई की फच्च् फच्च् फच्चह की आवाज़ें गूंजने लगी.
इस पोजीशन में एक अलग ही मज़ा आ रहा था.

कुछ देर तक इसी पोजीशन में हमारी चुदाई चली, फिर इल्मा ने अपनी चूत से मेरा लंड निकाल दिया और मैं सीधा लेट गया।

अब वह मेरा लंड चूसने लगी.
2-3 मिनट तक उसने मेरा लंड चूसा फिर वह अपनी दोनों टांगें मेरे दोनों तरफ करके मेरे ऊपर आ गई.

मेरे लंड पर उसने अपनी चूत को सेट किया और धीरे धीरे लंड पर बैठने लगी.
इल्मा को चूत तो पहले से ही डिल्डो से खुली हुई थी.

अब मैं चुदाई कर रहा था तो इल्मा को लंड लेने में ज्यादा तकलीफ नहीं हुई, उसने पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया और वह मेरे लंड पर उछलने लगी और लंड को चूत के अंदर तक लेने की कोशिश करने लगी.

अब तो मैं सिर्फ लेट के मज़ा ले रहा था और इल्मा बहुत मज़े से मेरे लंड पर कूद रही थी.

कुछ देर बाद इल्मा ने मेरा हाथ पकड़ कर उसी पोजीशन में मुझे अपनी तरफ खींचा तो मैं उठ कर बैठ गया.

मेरा लंड तो उसकी चूत में ही था.

अब हम दोनों एक दूसरे से बिल्कुल चिपक गए और किस करने लगे.

इस पोजीशन का भी अपना एक अलग ही मजा है.

अब हग, किस और चुदाई एक साथ चल रही थी.

इस पोजीशन में उसके बूब्स भी मेरे मुंह के करीब थे.

मैं चुदाई चुदाई करते करते उसके बूब्स भी चूस रहा था, इस पोजीशन में भी इल्मा ने एक बार मुझे ज़ोर से जकड़ा और झड़ गई और उसकी चूत का पानी मुझे मेरी जांघों पर बहता हुआ महसूस होने लगा।

अब चुदाई करते हुए काफी देर हो चुकी थी और मुझे लग रहा था मैं 5 मिनट तक और चलूंगा.

तो मैंने इल्मा से कहा- 5 मिनट बाद मेरा होने वाला है, बाहर निकालू या अंदर?
उसने तुरंत जवाब दिया- अंदर ही निकल दो, कुछ नहीं होगा.

मैंने उससे फिर से पूछा- पक्का अंदर निकल दूं?
तो उसने कहा- हां मेरी जान हमेशा अंदर ही निकालना … टेंशन न लो, मैं मेडिकल लाइन में हूं. कुछ नहीं होगा. घबराओ मत!

अब मैं भी बेफिक्र हो गया और मैंने अब अंदर झाड़ने की वजह से पोजीशन बदलना सही समझा.
मैंने इल्मा को अपने ऊपर से हटाया और उसको लेटने को कहा.

जब वह लेट गई तो मैंने उसको बेड के किनारे पर खीच लिया.

अब मैंने बेड से नीचे खड़े होकर उसकी चूत पर अपना लंड रखा और एक ही धक्के में पूरा लंड अंदर डाल दिया और चोदने लगा.

इस बार मैं उसको फुल स्पीड में चोद रहा था.
इल्मा खूब जोर जोर से चिल्ला रही थी- आआआ आअह्ह … भाई ई आई … और तेज़ चोदो आआ आह्ह!

मैं उसको इस पोजीशन में बहुत रगड़ के चोद रहा था.

अब मैं झड़ने वाला था, 5-7 धक्कों के बाद मेरा माल निकलने लगा और मैं धक्के लगाता रहा.

जब तक मेरी आखरी बूंद तक इल्मा की चूत के अंदर नहीं गिर गई, तब तक मैंने धक्के चालू रखे.

उसके बाद मैंने उसकी चूत से लंड बाहर निकाला और हम दोनों नंगे ही बेड पर लिपट के लेट गए.

Xxx कपल फक का पूरा मजा लेने के बाद हम दोनों किस कर रहे थे!

क्या बताऊं यारो … किस करते हुए हम दोनों का मन ही नहीं भर रहा था, होंठों को अलग करने का दिल ही नहीं कर रहा था.

हम दोनों कुछ देर तक ऐसे ही बातें करते रहे और बीच बीच में किस भी करते रहे।

टाइम देखा तो रात के 3 बज चुके थे.

फिर मैंने इल्मा से पूछा- और करोगी या नींद लगी है?
तो उसने जवाब दिया- भाई, आज ही मेरी जान निकाल लोगे क्या? अब तो हर रोज़ मैं तुम्हारे ही बिस्तर पर ऐसे ही नंगी सोऊंगी तुम्हारे साथ … जितना चाहे चोदना. अभी बहुत थक गए हैं, अब सोते हैं.

मैंने भी उसकी बात मानी और हम दोनों नंगे ही लिपट कर सो गए।

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