18upchoti !

Enjoy daily new desi sex stories at 18upchoti erotic literature forum. Also by creating an account here you will get exclusive access to features such as posting, discussion, & more. Feel free to sign up today!

Register For Free!
  • Having trouble reading at night? Try Dark Mode by clicking at the top bar.

Hindi - हिन्दी Audio Story बस में मिले लड़के से खेत में चुदी

  • Thread Author
देसी गाँव चुदाई कहानी में अपने कॉलेज में पढ़ने वाले पास के गांव के लड़के से खेत में चुद गयी मैं. बस में आते जाते वह मुझे छेड़ा करता था और मुझे अच्छा लगता था.

यह कहानी सुनें.

Audio Story​

Listen to this audio story here...



दोस्तो, मैं आशा करती हूं कि आप सब बहुत सेक्सी होंगे और आप लोगों की सेक्स लाइफ अच्छी बीत रही होगी.

मेरा नाम माधुरी दवे है.
मैं अन्तर्वासना पर हर रोज सेक्स कहानियां पढ़ती हूं और मैं अन्तर्वासना की बहुत बड़ी फैन हूं.

आप सब की कहानी पढ़कर मैं आप सबको मेरी कहानी बताने जा रही हूं. उम्मीद है कि आप सबको मेरी देसी गाँव चुदाई कहानी पसंद आएगी.

इससे पहले भी मेरी एक सेक्स कहानी आपके सामने आ चुकी है.
उसका लिंक दे रही हूँ.
प्लीज एक बार फिर से उसे पढ़ लें, जिससे आपको मेरी कातिल जवानी की याद ताजा हो जाएगी.

दोस्तो, पहले मैं आप सबको अपने बारे में बता देती हूं. मेरी उम्र 23 साल है. मेरा रंग गोरा है, बाल काले हैं और मेरी कमर तक लंबे हैं.
मेरा फिगर साइज 34-26-36 का है. मैं अपने मोहल्ले की सबसे ज्यादा हॉट माल हूं.

जब मैं जवान हुई ही थी और 12वीं क्लास में पढ़ाई कर रही थी, तब ही मेरी सील टूट चुकी थी और तब से मैं लगभग हर रोज अपने बॉयफ्रेंड से चुदती थी.

मेरी सेक्स लाइफ का एक साल बीत चुका था और उस एक साल में मैं बहुत चुदी थी.
बारहवीं की पढ़ाई के बाद मैंने आगे पढ़ने के लिए कॉलेज में एडमिशन लिया था. लेकिन कॉलेज हमारे गांव से दूर शहर में था.

दूसरे स्टूडेंट्स की तरह मैंने भी बस में कॉलेज आना जाना शुरू किया था.
कॉलेज आने जाने के टाइम वाली बस ज्यादातर कॉलेज स्टूडेंट्स से भरी रहती थी और उसमें ज्यादातर बैठने की जगह तो मिलती ही नहीं थीं.

भीड़ के कारण कॉलेज आने जाने वाले लड़के फायदा उठाते थे.
बस में बहुत सारी लड़कियां आती थी लेकिन सबसे ज्यादा हॉट मैं थी.

मुझे शुरू से ही टाइट कपड़े पहनना पसंद था और उन दिनों टाइट कपड़ों में मेरा फिगर सबसे ज्यादा सेक्सी लगता था.

एक साल से मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरे बूब्स भी दबा दबा कर और चूस चूस कर बड़े कर दिए थे और 19 साल की उम्र में ही मेरे बूब्स बहुत उभरे हुए दिखते थे. इसलिए बस में कुछ लड़के मुझे दूध की दुकान और बड़े बूब्स वाली कहा करते थे.

हमारे गांव से आगे के एक गांव से बस में 5 लड़कों का एक ग्रुप रोजाना चढ़ जाता था और वे सब भी उसी बस से कॉलेज आते जाते थे.

वे सब साले बस में मेरे आस पास ही आकर खड़े हो जाते थे और सब मौका मिलने पर मेरे मम्मों पर कोहनी मारते थे या भीड़ का फायदा उठा कर मेरी गांड पर हाथ घुमा लिया करते थे.

शुरू शुरू में मुझे किसी लड़के का टच अच्छा नहीं लगता था.
लेकिन फिर भीड़ वाली बस में रोजाना आते जाते तो ये सब होता ही रहता था तो मैं भी इस सबका मजा लेने लगी थी.

कई बार इस सबका मजा लेने के लिए सीट मिलने पर भी मैं दूसरों को बैठने का मौका दे दिया करती थी.

हमारे गांव के आगे से जो 5 लड़के रोज़ बस में आते थे, उनमें से एक लड़के का नाम अनिल था.

वह अक्सर बस में मेरे पीछे ही खड़ा रहता था और मेरी गांड को छूता रहता था.
उसका छूना मुझे बहुत अच्छा लगता था और मैं उसके छूने का बिलकुल बुरा नहीं मानती थी.

अनिल जब जब मेरी गांड को छूता और दबाता था, तब मैं अन्दर ही अन्दर से बहुत गर्म हो जाती थी.

एक दिन अनिल ने हिम्मत करके मुझे प्रपोज कर दिया और मैंने उसके साथ दोस्ती कर ली.
धीरे धीरे हमारी दोस्ती प्रगाढ़ होने लगी थी और हम कॉलेज जाने की जगह बाहर घूमने निकल जाते थे.

जब अनिल और मेरी दोस्ती बहुत आगे बढ़ने लगी तो हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तरसने लगे थे.

एक दिन अनिल अपने दोस्त की बाइक ले आया और मुझे शहर से बाहर अपने एक दोस्त के खेत में घुमाने ले गया.

खेत पर पहुंच कर अनिल मुझे एक झोपड़ी में ले गया.
अन्दर ले जाकर उसने झोपड़ी की खिड़की और दरवाजा बंद कर दिया.

फिर अनिल ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया और किस करने लगा.
मैं भी अनिल को किस करने लगी.

कुछ देर तक किस करने के बाद अनिल ने मेरी गांड को दबाना शुरू कर दिया.
वह अपने दोनों हाथों से मेरे कूल्हे पकड़ कर जोर से दबा रहा था और मेरे होंठों को चूस रहा था.

थोड़ी देर बाद उसने मेरी कुर्ती उतार दी और अब वह मेरी गर्दन पर और मेरे कंधों पर किस करने लगा.

मैंने भी उसकी शर्ट उतार दी और मैं उसकी छाती पर किस करने लगी.

अनिल अपने हाथ मेरी पीठ पर फिराने लगा और उसने मेरी ब्रा खोल कर उसे उतार दी.
मेरी ब्रा खोल कर वह मुझे किस करते हुए मेरे बूब्स को दबाने लगा.

अनिल धीरे धीरे एक के बाद एक मेरे बूब्स को दबाने और चूसने लगा.
उसके मुँह में अपने दूध देने में मुझे बेहद सनसनी हो रही थी.

मैं बारी बारी से अपने दोनों दूध उस कड़ियल मर्द अनिल से चुसवा रही थी.
दूध चुसवाने से मेरी चूत में झुनझुनी सी होने लगी थी और चूत से रस टपकने लगा था.

वह मेरे बूब्स चूसने के साथ साथ मेरे बूब्स के निप्पलों को अपने दांतों से काटने लगा.

मैं भी उसके बूब्स चूसने से काफी गर्म हो गई थी और मेरी चूत गीली हो गई थी.

वह दूध चूसते चूसते वासना के नशे में एकदम चूर हो गया था, उसकी आंखें ऐसी लाल हो गई थीं मानो उसने दो बोतल शराब पी रखी हो.

जब उसने मेरे दूध चूसना छोड़ कर मेरी तरफ देखा तो मैं उसकी मतवाली और नशीली आंखें देख कर बौरा गई थी.

कुछ पल एक दूसरे की आंखों में देखने के बाद मैंने फिर से उसको अपने मम्मों पर खींच लिया.

अब मैं अनिल के सिर को कस कर मेरे बूब्स पर दबा रही थी और वह भी मेरे बूब्स को दबा दबा कर चूसने लगा था.

कुछ देर के बाद मैं उसके पास घुटनों पर बैठ गई और मैंने उसकी पैंट और चड्डी उतार दी.
उसका लंड मेरे मुँह के सामने एकदम तन कर खड़ा था.

अनिल का लंड बड़ा और कड़क हो गया था.
मैंने उसके लंड को हाथ में पकड़ा और धीरे से अपने मुँह में लेना शुरू कर दिया.

उसके लंड से मर्दाना महक पाकर मैं जबरदस्त चुदासी हो गई थी और पूरा लौड़ा अपने मुँह में लेने लगी थी.

अब मैं बड़ी मस्ती से उसका लंड चूसने लगी थी.
मैं पूरी रांड बनकर अनिल का लंड चूस रही थी और वह ‘आह्ह्ह आह्ह्ह्ह …’ करते हुए मादक सिसकारियां ले रहा था.

कुछ देर बाद अनिल ने अपने दोनों हाथ से मेरा सिर पकड़ा और अपना लंड मेरे मुँह में डालने लगा.

अनिल का लंड पूरा मेरे मुँह के अन्दर चला गया था और मेरा सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था.
उस का पूरा लंड मेरे थूक से गीला हो गया था.

लंड चुसवाने के बाद अनिल ने मुझे खटिया पर लेटा दिया और वह मेरे ऊपर चढ़ गया.

मेरे ऊपर चढ़ कर अनिल ने मुझे होंठों पर किस करते हुए मेरी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया.
मेरी चूत पहले से ही गीली हो चुकी थी. अब अनिल ने मेरी पैंटी को निकाल दिया.

मैं भी अपनी गर्म चूत में लंड लेने के लिए तैयार हो चुकी थी.
मैंने खुद ही अपने दोनों पैरों को फैला दिया और घुटनों से मोड़ कर कमर तक ऊपर उठा लिए.

अनिल ने अपने लंड को पकड़ कर मेरी चूत पर रख दिया और एक ही झटके में आधा लंड मेरी चूत में डाल दिया.

मेरी तेज आह निकलने को हुई पर अनिल ने मेरे मुँह को अपने मुँह से दबा रखा था.

उसने अपना आधा लंड मेरी चूत में डाल कर मेरे घुटनों के नीचे अपने दोनों हाथ डाले और मेरे पैरों को उठा कर मेरी चूत में अपना लंड धीरे धीरे आगे पीछे करते हुए अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

अनिल का लंड धीरे धीरे मेरी चूत में अन्दर आ जा रहा था और मेरे मुँह से आह्ह आह्ह की सिसकारियां निकल रही थीं.

वह धीरे धीरे अपना लंड मेरी चूत में डालता गया.

कुछ देर बाद अनिल का पूरा लंड मेरी चूत के अन्दर चला गया.
फिर अनिल ने धीरे धीरे करते हुए थोड़े लंबे शॉट्स मारना शुरू किया.

उसके लंबे लंबे झटकों से मेरी सिसकारियां और बढ़ने लगी थीं.

मैं एक हाथ को अपनी चूत के पास घुमाने लगी और दूसरे हाथ से अपने मम्मों को मसलने लगी.

कुछ ही देर में मेरी चूत झड़ने लगी.
अनिल थोड़ा और जोर लगा कर मुझे चोदने लगा.

मैं अपनी टांगें फैलाए हुए चूत में अनिल के लंड का मजा ले रही थी.

मैंने अनिल को बूब्स चूसने का इशारा किया.
अनिल मुझे चोदता हुआ मेरे ऊपर लेट गया और मेरे मम्मों को बारी बारी से चूसने लगा.

थोड़ी देर बाद अनिल मेरे ऊपर से खड़ा हुआ और उसने मुझे पीछे घूमने के लिए कहा.

मैं समझ गई कि वह मुझे डॉगी स्टाइल में चोदना चाहता है.
मैंने अनिल के सामने डॉगी स्टाइल में पोजीशन ले ली.

अनिल ने अपना लंड मेरी गांड पर रगड़ा और उसने मेरी गांड में अपना लंड डालने की कोशिश की.
मैंने अनिल को रोक दिया और कहा- नहीं, गांड में मत डालो. मैं गांड नहीं मरवाऊंगी.

अनिल ने मुझे थोड़ा मुझे मनाने की कोशिश की लेकिन मैंने उसको मना कर दिया और मैंने उसको मेरी गांड नहीं मारने दी.
उसने ज्यादा बहस नहीं की और उसने कहा- ठीक है, थोड़ी देर फिर से मुँह में ले लो.

अनिल का लंड मैंने मुँह में लेकर चूसा और फिर से उसका लंड कड़क कर दिया.
मैंने फिर से अनिल के सामने डॉगी स्टाइल में पोजीशन ले ली.

अनिल ने मेरी कमर पर अपना एक हाथ रखा और दूसरे हाथ से अपना लंड पकड़ कर मेरी चूत में डाल दिया.
मैं धक्का खाकर थोड़ी आगे की तरफ हो गई.

अनिल ने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया था और उसने अपने दोनों हाथों से मेरी कमर को पकड़ लिया.

अब उसने अपने लंड को मेरी चूत में अन्दर डालना शुरू कर दिया.

अनिल का लंड काफी तेजी से आगे बढ़ता हुआ तीन से चार झटकों में ही पूरा मेरी चूत में अन्दर तक चला गया.
देसी गाँव चुदाई से मैं कराह उठी थी.

अनिल ने मेरी चूत में अब लंबे लंबे शॉट्स मारते हुए मुझे चोदना चालू कर दिया.
उसके एक एक शॉट्स से मेरी उह्ह्ह आह्ह्ह् उह्ह्ह्ह आह्ह् से भरी सिसकारियां निकल रही थीं.

इस डॉगी स्टाइल में अनिल ने मुझे दस मिनट से ज्यादा चोदा और उसके बाद उसने अपनी स्पीड बढ़ा दी.
उस वक्त वह मुझे इतना तेज़ी से चोद रहा था कि हम दोनों की जांघें एक दूसरे से टकराने लगी थीं और पट पट करके आवाज़ आने लगी थी.

कुछ ही देर में अनिल का वीर्य छूटने वाला था.
उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल कर अपना पूरा वीर्य मेरी कमर पर निकाल दिया.

अनिल के साथ मेरा रिश्ता 6 महीनों तक चला और उन 6 महीनों में अनिल ने मुझे खूब चोदा.

वह बार बार मुझे गांड मरवाने के लिए बोलता और अपना वीर्य मुँह में लेने के लिए कहा करता था.

मैं उसको गांड मरवाने और उसका वीर्य मुँह में लेने से मना कर देती थी.

फिर उसने मुझसे रिश्ता तोड़कर मेरी एक सहेली के साथ चुदाई का रिश्ता जोड़ लिया.

आपको मेरी देसी गाँव चुदाई कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
 
Love reading at 18upchoti? You can also share your stories here.
[ Create a story thread. ]
Top