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Hindi - हिन्दी कुंवारी क्लासमेट की सीलफाड़ चुत चुदाई (All Parts)

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Part 1​

सेन्सुअल लव विद क्लासमेट की कहानी में मेरी क्लास की एक सादी लड़की मुझे पसंद थी. मैंने उसे पटाने की कोशिश की. वह हाथ नहीं आ रही थी. पर दोस्ती हो गयी हमारी.

मित्रो, मेरा नाम सत्यम है, मेरा रंग सांवला और मैं सामान्य कद काठी का हूँ.

मेरा लंड 3 इंच मोटा और 6 इंच लंबा है जोकि किसी भी औरत को संतुष्ट करने में पूरी तरह से सक्षम है.

यह कहानी उन दिनों की है जब मैं कक्षा 12वीं में था. अस्मिता मेरी ही क्लासमेट थी.

इस कहानी के पहले हम एक दूसरे को जानते भी नहीं थे, बस मुझे इतना पता था कि इस नाम की लड़की मेरी क्लास में है।

अस्मिता दिखने में ठीक-ठाक है. उसका रंग गेहुंआ है. परंतु उसका 32-28-34 का मदमस्त फिगर बड़े कमाल का है.

क्लास में ड्रेस की वजह से किसी को पता नहीं चलता था कि वह इतने कमाल के हुस्न की मालकिन है.

वह हमेशा एक चोटी करके आती थी और हमेशा गुमसुम सी रहती थी जिस वजह से लड़के उस पर ज़्यादा ध्यान नहीं देते थे.

अस्मिता अपने काम से काम रखती थी और किसी से ज़्यादा बात भी नहीं करती थी.

मैंने उसको कैसे पटाया और उसकी चुदाई की, मैं यह लिख रहा हूँ.

यह सेन्सुअल लव सेक्स कहानी उन दिनों से शुरू हुई थी जब हमारे स्कूल में वार्षिक खेल कूद के प्रोग्राम चल रहे थे.

हमारी क्लास के सभी लड़के लड़कियां खेलों में भाग ले रहे थे जिस वजह से अक्सर हमारी क्लासेस नहीं लग रही थीं.

उस दौरान क्लास में सिर्फ हम दोनों ही बैठे रहते थे क्योंकि हम दोनों स्पोर्ट्स में ज़्यादा रुचि नहीं थी.

एक दिन मैं क्लास में अकेला बैठा बोर हो रहा था तो मैंने सोचा कि क्यों ना आज अस्मिता से बात की जाए.
मैं उसके पास पानी की बोतल लेने के बहाने से गया.

मैं उससे बोला- हैलो.
उसने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया.

दो तीन बार बुलाने पर उसने मेरी तरफ हैरानी से देखा और रूखे स्वर में बोली- क्या है?
मैंने उससे कहा कि मुझे पानी चाहिए, तो क्या तुम मुझे अपनी बोतल दे सकती हो?

उसने फिर से बड़ी हैरानी से मेरी तरफ देखा और मना कर दिया.
वह बोली- बाहर जाकर नल से पानी पी लो.

मुझे बहुत बुरा लगा लेकिन मैंने उससे कुछ नहीं कहा.

मैं वहां से चला गया.
ऐसे ही कुछ बार और किसी ना किसी बहाने से मैंने उससे बात करने की कोशिश की लेकिन वह तो भाव ही नहीं दे रही थी.

अब मैंने यह ठान लिया था कि इससे तो बात करके रहूँगा.

फिर एक दिन मुझे मौका मिल ही गया.
मैंने देखा कि वह मेरे दोस्त से फिज़िक्स के नोट्स मांग रही थी.

अब मेरे दोस्त के नोट्स तो बनते नहीं थे, तो वह उसको क्या देता!
मैंने अपने दोस्त से कहा- अस्मिता को बोलना कि मेरे पास नोट्स हैं.

उसने जाकर अस्मिता से बोल दिया- नोट्स सत्यम के पास हैं, तो तुम जाकर उससे ले लो!
उसने बोला- ठीक है.

अब नोट्स तो उससे चाहिए थे, इसलिए वह मेरे पास आई और बोली- सत्यम, मुझे तुम्हारी फिज़िक्स की नोट कॉपी चाहिए थी!
मैंने उससे कहा- ठीक है, मैं तुम्हें नोट्स दे दूँगा, लेकिन मेरी एक शर्त है!

उसने कहा- कौन सी शर्त?
मैं उससे बोला- तुम्हें मुझसे दोस्ती करनी पड़ेगी!
उसने थोड़ी देर सोचा और बोली- ठीक है.

अब हम दोनों में बात होने लगी.

एक दिन मैंने हिम्मत करके उससे उसका नंबर मांगा और उसने बड़े आराम दे भी दिया क्योंकि अब तक हम काफ़ी अच्छे दोस्त बन चुके थे.

धीरे धीरे हमारी फोन पर बात होने लगीं.
हम दोनों व्हाट्सैप पर भी बात करने लगे.

कुछ ही दिनों में वह मेरे साथ इतनी ज्यादा घुल-मिल गई थी कि हम दोनों घंटों बात किया करते थे.

एक दिन मैंने उसको वीडियो कॉल करने के लिए बोला.
पहले तो उसने मना कर दिया मगर फिर मेरे जोर देने पर वह मान गई.

क्या बताऊं दोस्तो, पहली बार मैंने उसे घर के कपड़ों में देखा था.
मैं तो उसे देख कर हक्का-बक्का रह गया था.

वह कैजुअल कपड़ों में एकदम कसी हुई माल लग रही थी.
उसको देख कर लगा कि बस अब इसकी चुदाई करने का मौका मिल जाए, कसम से मज़ा आ जाएगा.

अब हम दोनों अब अक्सर एक दूसरे से वीडियो कॉल पर बात करने लगे थे.

मैं कभी कभी उसकी खूबसूरती की तारीफ कर देता, तो वह शर्मा जाती और कॉल कट कर देती.

उसके मन में मेरे लिए एक ब्वॉयफ्रेंड जैसी फीलिंग आने लगी थी.
वह भी मुझसे खुलने लगी थी.

अब हम दोनों सेक्स पर बातें भी करने लगे थे.

मैं उसे बताता कि कैसे मेरा दोस्त और उसकी जीएफ सेक्स करते थे.

वह यह सब सुनकर पहले तो कौतूहल जताती, मगर अगले ही पल उदास हो जाती.

ऐसे ही एक दिन वह उदास हुई.

तो उसको खुश करने के लिए मैं उससे पूछने लगा- क्या हुआ, उदास क्यों हो गई हो … क्या तुम्हारा मन नहीं करता यह सब करने को?
वह बोली- करता तो है लेकिन मैं यह सब किसके साथ करूँ?

मैंने उससे कह दिया- मैं हूँ ना!
उसने हंस कर बात को टाल दिया.

मेरी समझ में नहीं आया कि यह मेरे साथ सैट क्यों नहीं होना चाहती है.

अब मैंने ठान लिया था कि कुछ भी हो जाए, अब मैं इसे चोद कर ही रहूँगा.

एक दिन मैंने प्लान बनाया कि आज इसे कॉफी पर ले जाकर इसको प्रपोज़ कर दूँगा.

उस दिन स्कूल से निकल कर मैंने उसको कॉल किया और पास के कैफे में आने को कहा.

पहले तो उसने मना कर दिया, फिर मेरे जोर देने पर हां कर दिया.

हम दोनों कॉफी पी रहे थे.
तभी मैंने उसको एक गुलाब का फूल देकर उससे कहा- अस्मिता आई लव यू!

पहले तो उसने हैरानी से मुझे देखा और गुस्से से बोली- सत्यम, मैं तुम्हें सिर्फ़ अपना दोस्त मानती हूँ और हमारे बीच में इससे ज़्यादा कुछ नहीं है.
इतना कह कर वह वहां से उठ कर चली गई.

पहले तो मुझे बहुत गुस्सा आया लेकिन मैंने उसको कॉल किया पर वह मेरी कॉल का जवाब नहीं दे रही थी.

मैंने उसको व्हाट्सैप पर भी कई दफ़ा सॉरी बोला लेकिन उसने मैसेज ही नहीं देखा.

तब मैंने सोचा कि कल स्कूल में उससे बात करूँगा.

लेकिन सुबह जब में स्कूल पहुंचा तो देखा कि वह आज स्कूल नहीं आई थी.

ऐसे ही 3 दिन बीत गए, वह स्कूल नहीं आई.

मैंने सोचा कि क्यों ना उसके घर जाकर उससे बात की जाए.

मैं जब उसके घर पहुंचा तो उसके पापा बाहर गार्डन में बैठे हुए थे.

मैंने उनको नमस्ते किया और कहा- अंकल, मैं अस्मिता का दोस्त हूँ और उससे मिलने आया हूँ.

अंकल ने कहा- किस लिए?
मैंने कहा- कई दिनों से वह स्कूल नहीं आ रही है. मुझे लगा कि कहीं उसकी तबीयत तो खराब नहीं हो गई है, इसलिए पता करने आया था.

उसके पापा ने कहा- हां उसकी तबीयत खराब है, इसलिए वह स्कूल नहीं गई है.

फिर मैंने कहा- एक बार उससे मिल सकता हूँ?
उसके पापा ने कहा- वह अभी सो रही है और अब उसकी तबीयत ठीक है. कल से वह स्कूल जाएगी.

मैंने कहा- ठीक है अंकल, अब मैं चलता हूँ नमस्ते.

मैं वहां से तो निकल गया लेकिन अब मैं सुबह होने का बेसब्री इंतजार कर रहा था कि कब उससे मिलूँ.

सुबह मैं जल्दी उठा और तैयार होकर स्कूल के लिए निकल गया.

जब वह स्कूल आई तो मैंने उसे देखा.
उसके चेहरे पर पहले जैसा ग्लो नहीं था.

जब वह मेरे पास से गुज़री तो मैंने उससे स्माइल पास किया.
लेकिन उसने नजरअंदाज कर दिया और वहां से चली गई.

मुझे लगा कि अब भी वह मुझसे नाराज़ है.

मैंने सोचा कि आज लंच में इससे बात करना पड़ेगा और तभी इसको सामने से सॉरी भी बोल दूँगा.

जब लंच टाइम हो गया तो सभी छात्र बाहर ग्राउंड में बैठ कर लंच कर रहे थे.

मैंने सही मौका देखा और उसका हाथ पकड़ कर उसे स्टोर रूम में ले गया.

पहले तो उसने गुस्सा किया लेकिन बाद में वह शांत हो गई.

मैंने उसको उस दिन के लिए सॉरी बोला.
तो उसने कहा- तुम सॉरी क्यों बोल रहे हो. उस दिन जब तुमने मुझे प्रपोज़ किया था तो मैं तुम पर गुस्सा होकर वहां से चली गई थी. लेकिन घर जाकर मैं तुम्हारे बारे में ही सोच रही थी. मुझे रात भर नींद नहीं आई क्योंकि मुझे नहीं पता था कि मैंने सही किया या ग़लत! पूरी रात मैं सोचती रही, तुमने मुझे कॉल भी किया लेकिन मुझमें हिम्मत नहीं थी कि मैं तुमसे बात करूँ. फिर मैं पूरी रात-रोते ना जाने कब सो गई, रोने की वजह से मुझे फीवर हो गया. तुमसे बात भी नहीं हो रही थी, इसलिए बेचैनी भी थी और बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था.

वह बस मुझसे बातें ही करे जा रही थी.
मैं उसकी आंखों में बहते हुए आंसू और अपने लिए प्यार देख रहा था.

मैंने उसको चुप कराते हुए उसके होंठों में अपने होंठ रख दिए.

पहले तो उसने मुझे दूर हटाने की कोशिश की लेकिन जब नहीं कर पाई तो उसने भी मुझे किस करना शुरू कर दिया.

हम दोनों एक दूसरे में इस तरह खो गए कि हमें कुछ ध्यान ही नहीं रहा.

हम दोनों की सांसें भारी होने लगीं और हम दोनों अलग हो गए.

फिर हम वहां से बाहर निकल कर अपनी क्लास में आ गए.
अब हम दोनों बहुत खुश थे कि हमारे बीच अब सब कुछ ठीक है.

हमारी फोन पर फिर से बात होने लगीं और हम दोनों सेक्स की बातें करने लगे थे.

एक दिन मैंने उससे कहा- मुझे भी सेक्स करना है!
इस पर उसने कहा- बिल्कुल भी नहीं, हम अभी ऐसा कुछ भी नहीं कर सकते हैं!

मैंने पूछा- क्यों नहीं कर सकते? जब हम एक दूसरे को पसंद करते हैं तो बिल्कुल कर सकते हैं! क्या तुम्हारा मन नहीं करता करने को?
उसने कहा- मेरा भी मन करता है ये सब करने का … लेकिन …

मैंने उसे बीच में टोकते हुए कहा- लेकिन वेकिन कुछ नहीं … हम दोनों सॅटर्डे को मेरे घर पर मिल रहे हैं और अब इसके आगे कोई बात नहीं होगी!
वह चुप हो गई.
मन तो उसका भी था.

अब मैं बेसब्री से शनिवार का इंतजार कर रहा था कि कैसे मैं उसके साथ वह सब करूँगा, जो मैं पॉर्न वीडियोस में देखा करता हूँ.

यह सब सोच कर मैं मन ही मन बेहद खुश हो रहा था.

आख़िर वह दिन आ ही गया.
उस दिन मेरे मम्मी पापा को किसी काम से बाहर जाना था.

मैं घर पर अकेला था.
तो मैंने उसे कॉल किया कि अब आ जाओ, लाइन क्लियर है.

लेकिन वह फिर से मना करने लगी कि घर में क्या बोलूँगी!

मैंने उससे कहा- घर पर बोल देना कि तुम अपने सहेली के घर पढ़ाई करने जा रही हो और रात में वहीं रुकोगी!
उसने मना कर दिया कि मैं रात में तुम्हारे पास नहीं रुक सकती.

मेरे बहुत जोर देने पर वह मान गई.

मैं बहुत खुश था कि आज फाइनली वह दिन आ ही गया जब मैं अस्मिता की चुदाई करूँगा!

शाम के 6 बजे वह मेरे घर आ गई.

पहले हम दोनों ने कॉफी पी और ढेर सारी बातें की.
उसके बाद मैं उससे मूवी देखने के लिए बोला.

दोस्तो, यदि वह किसी सेक्स मूवी के कहती तो शायद उसका काम तुरंत हो जाता.
लेकिन उसने मेरे साथ कौन सी फिल देखी और किस सीन पर वह चुदासी हो उठी.
यह सब आपको मैं अगले भाग में लिखूँगा.

मेरी सेन्सुअल लव स्टोरी पर आपके कमेंट्स का बेसब्री से इंतजार रहेगा.
ashi32507@gmail.com

सेन्सुअल लव कहानी का अगला भाग:
 
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Part 2 (Virgin Girlfriend Sex Story)​

वर्जिन गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी में मैंने अपनी क्लास की एक देसी लड़की को गर्लफ्रेंड बनाया और उसे चोदने के लिए अपने घर बुला लिया. उसे मैंने कैसे सेक्स के लिए मनाया और उसकी कोरी बुर पेली.

फ्रेंड्स, मैं सत्यम आपको अपने साथ पढ़ने वाली अस्मिता की कुंवारी बुर की सीलफाड़ चुदाई की कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
देसी लड़की से वासना भरा प्यार
में अब तक आपने पढ़ा था कि वह मेरे साथ मेरे सूने घर में मुझसे चुदने के लिए आ गई थी.
मैं उससे मूवी देखने के लिए पूछ रहा था.

अब आगे वर्जिन गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी:

जब मैंने उससे मूवी देखने के लिए पूछा.
तब वह बोली- कौन सी मूवी देखेंगे?

मैंने कहा- टाइटॅनिक!
तो उसने हामी भर दी और हम दोनों सोफे पर बैठ कर मूवी देखने लगे.

अब उसमें वही ऐतिहासिक रोमांटिक सीन चल रहा था.
तो मैंने धीरे से अपना हाथ उसके हाथ पर रख दिया.

वह मेरी तरफ़ देखने लगी.
मैं उसकी आंखों में हवस साफ साफ देख पा रहा था.

बस बिना एक पल की देर किए मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए.

गुलाब से पंखुड़ियों जैसे कोमल होंठ … सच में इतने रसीले थे जैसे उनमें से शहद टपक रहा हो.

मैं उसके होंठों का रस पान कर रहा था और वह भी मेरा साथ दे रही थी.

हम एक दूसरे के होंठों का रस पान कर रहे थे और हमारी जीभ एक दूसरे से जीतने की जद्दोजहद कर रही थीं.

करीब दस मिनट तक हम दोनों एक दूसरे को किस करते रहे और इसी बीच मैं उसके बूब्स को भी उसके कपड़ों के ऊपर से ही सहलाने दबाने लगा था.

जब मैं उसके निप्पल को जोर से मींज देता, तब वह चिहुंक उठती थी.

उसके बूब्स को दबाते हुए मैंने उसका टॉप उतार दिया.
अब वह मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा में थी.

उसके तने हुए बूब्स मुझे आवाज़ देकर बुला रहे थे कि हमें इस क़ैद से आज़ाद करो.

मैंने भी बिना ज़्यादा देर किए उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.

उसके दूध अब आज़ाद थे और मैं अपने दोनों हाथों से उन्हें मसलने लगा, दबाने लगा.

वह मादक आवाज में सीत्कार करने लगी- आह … आह … क्या कर रहे हो आह जान प्लीज करो … आह आह!

मैं और जोर से से उसके मम्मों को मसलने लगा और एक दूध के निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा, दूसरे दूध को मसलने लगा.

इस तरह से मैं बारी बारी से उसके दोनों मम्मों को चूसने लगा और मसलने लगा.

वह ‘आह आह …’ की कामुक आवाज़ें निकाल रही थी और जोर जोर से सिसकारियां भर रही थी.

उसके दोनों दूध दबाने और चूसने की वजह से एकदम लाल हो गए थे.

मैं फिर से उससे किस करने लगा.

इसी बीच मैंने अपना एक हाथ उसकी जींस के अन्दर डाल दिया और पैंटी के ऊपर से ही उसकी बुर को सहलाने और मसलने लगा.
जिसकी वजह से उसे और उत्तेजना आने लगी.

वह जोर जोर से ‘आह … आह … अहहा’ करने लगी.
तभी मैंने उसकी जींस को उतार दिया और उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए.

अब हम एक दूसरे के सामने सिर्फ़ अंडरवियर और पैंटी में थे.

मेरी अंडरवियर में से लंड के उठे हुए आकार को देख कर वह घबरा गई और बोली- इतना बड़ा मैं नहीं सह पाऊंगी!
मैंने उससे कहा- कोई बात नहीं मेरी जान घबराओ मत … तुम आराम से इसे सह लोगी और तुम्हें मज़ा भी बहुत आएगा!

वह कुछ नहीं बोली.

अब ज़्यादा देर ना करते हुए मैंने उसको अपनी तरफ खींचा और किस करने लगा.

धीरे धीरे किस करते हुए मैं उसकी गर्दन से होते हुए नीचे आता गया. उसकी नाभि में किस करते हुए उसकी बुर के ऊपर वाले हिस्से तक पहुंच गया.

फिर मैंने एक ही झटके उसकी पैंटी को उसकी टांगों से नीचे सरका दिया.
उसने भी अपनी एक टांग से पैंटी को निकाल कर बुर को खोल दिया.

आह क्या लग रही थी वह बिना कपड़ों के … मन कर रहा था कि बस मैं इसकी बुर को कच्चा ही खा जाऊं.

एकदम गुलाब की कली की तरह बुर ऐसी लग रही थी मानो रति से साक्षात्कार हो रहा हो.
बस फिर क्या था.
मैं उसकी कोमल सी बुर पर टूट पड़ा और किस करने लगा.

मेरे ऐसा करने से वह बिन पानी की मछली की तरह तड़पने लगी और आहें भरने लगी.
उसके कंठ से ‘आह आह अहह …’ की आवाज़ें जोर जोर से निकलने लगीं.

मेरे चूमने चाटने की वजह बुर पूरी तरह से गीली हो गई थी. उसकी बुर एकदम सील पैक थी.

अगर मैं सीधे लंड घुसेड़ देता तो उसे बहुत ज़्यादा दर्द होता.
इसलिए पहले मैंने एक उंगली को घुसेड़ा और अन्दर बाहर करने लगा.

कुछ देर में मैंने दूसरी उंगली भी घुसेड़ दी और अन्दर बाहर करने लगा.

उसके मुँह से बस ‘उहह आह आहा.’ की आवाज़ें आ रही थीं.

वह खुद अपने हाथ से अपने मम्मों को मसल रही थी.
धीरे धीरे मैंने अपनी उंगली को रफ़्तार दे दी और वह ‘अहह … उहआ …’ करती हुई अपने शरीर को अकड़ाने लगी.

अगले कुछ ही पलों में वह बुर रस को झाड़ती हुई एकदम निढाल हो गई.

मैंने उसके पूरे माल को जीभ से चाट कर साफ कर दिया.
उसका माल एकदम नमकीन और जबरदस्त था.

उसका तो एक बार हो गया था.
अब मेरी बारी थी.

मैंने उसको अपना लंड पकड़ाया, उसने डरते हुए पकड़ा और बोली- मैं इसका क्या करूँ?
मैंने कहा- इसको मुँह में लेकर चूसो!

उसने कहा- नहीं, यह गंधा रहा है … मुझे घिन आ रही है. मैं इसे मुँह में नहीं लूँगी.
मैंने कहा- देखो अभी मैंने तुम्हरी बुर चाटी है न … और तुम्हारा रस भी पिया है. तो अब यह सब करने की तुम्हारी बारी है!

उसने कहा- यार मैं ये नहीं कर सकूँगी.
मेरे ज़्यादा जोर देने पर वह मान गई और लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी.

कुछ ही पलों बाद उसे लंड चूसना अच्छा लगने लगा और वह काफी देर तक मेरे लौड़े को कुल्फी की तरह चूसती रही.
करीब 5 मिनट बाद चूसते चूसते ही व मेरे लंड को अपने गले तक लेने लगी थी.

उसी वक्त मुझसे रुका न गया और मेरा माल उसके मुँह में ही निकल गया.
वह गले तक लंड लिए हुए थी, तो लंड रस सीधा उसके कंठ से होते हुए अन्दर चला गया.

अब हम दोनों ने एक दूसरे को गले लगा लिया और पड़े रहे.
मैं उसको अपनी बांहों में उठाकर बेडरूम में ले गया और उसको बेड पर लेटा दिया.

मैं उसको किस करने लगा.
वह फिर से गर्म होने लगी और मैं किस करते हुए उसके जिस्म को पुनः उत्तेजित करने लगा.

उसकी नाभि पर किस करते हुए मैं दोबारा से उसकी बुर तक पहुंच गया.
बुर पुनः भकभकाने लगी और वह मेरे हाथ को पकड़ कर मुझे अपने ऊपर खींचने लगी.

अब मैं अपना लंड उसकी बुर के ऊपर रख कर बुर की फांक में रगड़ने लगा. अपना हाथ नीचे ले जाकर उसकी बुर के दाने को मसलने लगा.

वह एकदम पागल हुई जा रही थी और अजीब अजीब सी आवाज़ें निकाल रही थी.
‘आह जान फाड़ दे आह अब सहन नहीं हो रहा है आह पेल दो न आह.’

मुझे समझ आ गया था कि यह पूरी तरह से गर्म हो गई है और अब ज़्यादा देर नहीं करना चाहिए.

मैंने अपने लंड पर थूक लगाया और बुर के छेद पर टिका कर धक्का लगा दिया.

लंड फिसल गया.
उसकी आह निकल गई.

अब मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में लेते हुए अपना हथियार उसकी बुर पर सैट किया और एक तेज धक्का दे मारा.

मेरा आधा लंड अन्दर घुसता चला गया.
उसकी दबी हुई चीख निकल गई.

होंठ लॉक होने की वजह से उसकी आवाज़ तेज नहीं निकल सकी, लेकिन उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे.

मैं थोड़ी देर उसी पोज़िशन में रुका रहा.
जब मुझे लगा कि अब वह शांत है, तो मैंने दूसरा धक्का मार दिया.

इस बार मेरा लंड उसकी बुर को चीरता हुआ अन्दर तक घुस गया.

वर्जिन गर्लफ्रेंड सेक्स में उसकी जोर से चीख निकल गई और वह छटपटाने लगी.

उसका मुँह मेरी गिरफ्त से छूट गया और वह जोर जोर से चिल्लाने लगी कि निकालो इसे … उई मां मैं मर गई … निकालो इसे … मां चुद गई मेरी बुर की आह फट गई मेरी.
लेकिन वह मेरे नीचे दबी होने के कारण कुछ कर नहीं पाई.
बस रोती हुई थोड़ी देर बाद शांत हो गई.

फिर सही मौका देख कर मैं लंड धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगा.

धीरे धीरे उसका दर्द कम हो गया और वह अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी.

ये देखते हुए मैंने भी ये अपने धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी.
अब उसकी मस्त आवाज़ें पूरे कमरे में गूंजने लगीं.

कमरे में सिर्फ़ फच फ़च की कामुक आवाज़ें सुनाई दे रही थीं या उसकी कामुक आवाजें सुनाई दे रही थीं.
‘आहहा अह और जोर से चोदो मुझे मेरे राजा … आह फाड़ दो मेरी बुर आह मेरे राजा … भोसड़ा बना दो इसका … आहा आ आ हहा मज़ा आ रहा है!’

मैं उसके दूध चूसते हुए उसे धकापेल चोदता रहा.

करीब बीस मिनट तक लगातार रफ्तार से धक्का देने के कारण वह दो बार झड़ चुकी थी.
मैं उसे धक्का मारे जा रहा था.
वह भी मेरा साथ दे रही थी.

कुछ मिनट बाद तेज रफ़्तार में धक्का देते हुए मैं उसके अन्दर ही झड़ गया और मेरे साथ ही वह भी तीसरी बार झड़ गई थी.

हम दोनों एक दूसरे पर एकदम निढाल चिपके पड़े रहे.

थोड़ी देर में जब वह उठने लगी, तो उसने देखा कि उसकी बुर से खून बह रहा है, तो वह घबरा गई और रोने लगी.

मैंने उसे समझाया कि जब पहली बार कोई सेक्स करता है, तो ऐसा ही होता है.

वह इस बात को जानती थी, तो चुप हो गई और उठ कर वॉशरूम की तरफ़ जाने लगी.
लेकिन उससे चलते नहीं बन रहा था और उसे दर्द भी काफ़ी हो रहा था.

मैंने उसे सहारा देकर बाथरूम तक पहुंचाया.
कुछ देर बाद वह बाथरूम से खुद को साफ करके वापस आई और लेट गई.

उसके बाद मैंने दूसरी बार में उसे कई आसनों में चोदा.
उसे घोड़ी बना कर पेला, मिशनरी में पेला और अपने लंड पर भी कुदवाया.

उस रात हम दोनों ने दो बार और सेक्स किया और एकदम निढाल होकर, एक दूसरे से लिपटे हुए कब नींद के आगोश में चले गए कि हमें पता ही नहीं चला.

सुबह 8 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि वह मेरी बांहों में कितने सुकून से सो रही थी.
मैंने उसके माथे पर हल्के से किस किया, जिससे उसकी नींद टूट गई और वह उठ गई.

हम दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा दिए. फिर कुछ देर ऐसे ही पड़े रहे.

थोड़ी देर में उठकर वह फ्रेश होकर और शॉवर लेकर आई और अपने कपड़े पहनने लगी.

तब तक मैं भी फ्रेश होकर रेडी हो गया था.
चाय नाश्ता करके अब मैं उसको उसके घर छोड़ने गया और रास्ते में मेडिकल शॉप से गर्भनिरोधक और एक दर्द निवारक दवा लेकर उसे दे दी.

मैंने कहा- इससे ध्यान से खा लेना. इससे तुम्हारा दर्द दूर हो जाएगा और किसी भी तरह की टेंशन भी नहीं रहेगी.

वह मुस्कुरा दी.
मैं उसे उसके घर छोड़कर वापस अपने घर आ गया.

कल रात की घटना याद करके मैं मन ही मन बहुत खुश हो रहा था.

तो दोस्तो, यह थी मेरी अपनी पहली चुदाई की कहानी, उसके बाद से जब भी हम दोनों को मौका मिलता, हम दोनों खूब चुदाई करते.
इसी बीच मैंने उसकी गांड भी मारी, वह आपको फिर कभी लिखूँगा.

आपको मेरी यह वर्जिन गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी कैसी लगी, आप ज़रूर बताएं.
मुझे आपके फीडबैक का बेसब्री से इंतजार रहेगा.
 
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