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Punjabi - ਭਾਸ਼ਾ Incest अपने बेटे से ही चुदवा लिया मैंने

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Indian Maa Beta Sex Story
(अपने बेटे से ही चुदवा लिया मैंने)​

हैलो दोस्तों कैसे हो आप सब आज मैं आपको साइट के माध्यम से मैं अपना एक राज आप सब लोगों को बताने जा रही हूं यह है मेरा एक लड़का और एक लड़की है मेरे पति एक सरकारी कर्मचारी थे मेरा बड़ा लड़का 25 साल का है मैं उसे ज्यादा प्यार नहीं करती थी इसका कारण ये है कि उसकी शकल मेरे पति के जैसी है वो बिल्कुल मेरे पति के जैसा है

मैं अपने पति का नाम भी नहीं लेना चाहती क्यूंकि वो एक नंबर का हरामी आदमी था शादी होने के बाद ही उसने एक दूसरी लड़की के चक्कर में मुझे जान से मारने की कोशिश की थी हमेशा मुझको मारता पीटता रहता था

जब मैं पहली बार मां बनी थी तो मुझे लड़का हुआ जो पूरी तरह से मेरे पति के जैसा था बस उसी दिन से मुझको उससे बहुत नफरत हो गई मेरा लड़का विनोद ये बात समझ नही पाता था की मैं उससे क्यों नफरत करती हूं जब पढ़ लिखकर भी उसको नौकरी नही मिली तो मैं आए दिन उसको ताने मारने लगी

फिर एक दिन मेरे पति ने मुझको मारा तो मेरे लड़के विनोद ने मुझको बचाया और अपने बाप को बहुत पीटा था कुछ दिनों बाद मेरा पति किसी बीमारी के कारण मर गया तो मेरे लड़के को उसकी जगह पर नौकरी मिल गई जाते जाते मेरा पति मुझको चोद चोद के गर्भवती कर गया

मेरे बेटे विनोद ने मुझको प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया और मेरी डिलीवरी करवाई वो दिन रात हॉस्पिटल में ही रहा और जागता ही रहा मेरी देख भाल करता रहा अब मेरा मेरे बेटे विनोद के लिए नजरिया बिलकुल बदल गया अब मेरा तो वो जालिम खूंखार पति मेरी दुनिया से निकल गया था जो घर मेरे लिए अब तक नर्क बना हुआ था अब वो स्वर्ग बन गया मेरा बेटा विनोद मेरा बड़ा ख्याल रखता था

एक लड़का लड़की तो मेरे पहले से थे पति से मरने के बाद मुझको एक लड़का और पैदा हुआ बच्चा होने के पांचवे दिन मैं घर चली आई विनोद मेरी दिन रात सेवा करने लगा रात में वो सोने भी नही जाता था मेरे पास ही बैठा रहता था अब मैं विनोद को दिलो जान से चाहने लगी थी


बच्चा होने के आठवें दिन मैंने एक रात देखा कि वो मुठ मार रहा था मैंने उस समय सोच लिया की मेरे बेटे ने मुझको मेरे जालिम पति से पिटने से बचाया था मैं इसके लिए कुछ भी करूंगी बच्चा होने के 15वें दिन मैंने फिर विनोद को उसके कमरे में खिड़की से मुठ मारते हुए देख लिया मैं उसके कमरे के दरवाजे के पास जाकर दरवाजा खड़काया

विनोद ने दरवाजा खोला तो उसने सिर्फ नीले रंग का अंडरवियर पहन रखा था विनोद थोडा घबरा गया था मैंने कहा विनोद क्या कर रहे थे तुम ? मैंने विनोद से पूछा

वो वो कुछ नही मां विनोद हकलाने लगा

मैं उसके कमरे में चली गई मेरा अभी अभी तीसरे नंबर का बच्चा जो पैदा हुआ था मैंने उसको सुला दिया था मैं विनोद के कमरे में आ गई इस वक्त रात के 11 बजे थे मेरे घर में मेरे और बच्चों के सिवा कोई नहीं था मेरी लड़की रचना जो की विनोद से छोटी है अपने कमरे में सो रही थी विनोद से चुदने का यही सही मौका था

आखिर उसने मेरे लिए क्या कुछ नही किया था क्या मैं उसको चूत भी नहीं दे सकती थी

विनोद अब तुमको हाथ से मुठ मारने की कोई जरूरत नही है मैंने कहा

विनोद भी मेरा कहना समझ गया की मैं उसको अपनी चूत देने वाली हूं

पर मां ये गलत गलत होगा ? तुम तो मेरी मां हो ? विनोद बोला

बेटा शहरों में ये सब चलता है बड़े बड़े शहरों में लोग सब कुछ करते है तुम इसकी परवाह मत करो बेटा तुम्हारे बाप ने मुझको अपने बोस से कितनी बार चुदवाया है क्या ये तुम जानते हो ? तुम इस बारे में मत सोचो बेटा मैंने विनोद को समझाया

मेरा बेटा तो पहले से ही समझदार था अब विनोद भी मुझको चोदने को तैयार हो गया मैंने उस वक्त गुलाबी रंग की मैक्सी पहन रखी थी बच्चा होने के कारण मेरे मम्में अब पहले जैसे छोटे नहीं थे बल्कि बहुत बड़े बड़े हो गए थे एक नई नई बनी मां के मम्में कितने गोल मटोल होते है ये तो आप सब जानते ही होंगे

विनोद भी मुझको चोदने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गया था उसने बत्तियां बुझा दी और जीरो वाट का बल्ब जगा दिया विनोद को रोमेंटिक गाने सुनने का बहुत शौकीन था तो उसने म्यूजिक प्लयेर पर रोमेंटिक गाने हलकी आवाज पर चला दिए और मच्छरों को मारने के लिए विनोद ने ऑल आउट भी ऑन कर दिया

मेरी छोटी बेटी रचना कहीं यहां ना आ जाए इससे बचने के लिए मैंने दरवाजा अच्छी तरह से बंद कर लिया मैं विनोद के बेड पर आ गई मैंने उसका तकिया हटाकर देखा तो बहुत सी गंदी किताबे वहां गद्दे के नीचे छिपी थी जो इशारा कर रही थी की मेरा बेटा विनोद अब जवान हो गया है और उसको चूत की आवश्यकता है मैं भी चुदाई का मजा लेना चाहती थी


विनोद शुरू शुरू में तो बड़ा शर्मा रहा था पर कुछ देर बाद वो मुझसे खुल गया आखिर मैं उसकी मां थी बिलकुल अचानक से सारे रिश्ते नाते भूलकर आखिर कैसे वो अपनी मां को चोद सकता था शर्माता शर्माता विनोद मेरे बगल में आ गया मैंने मैक्सी निकाल दी ब्रा भी निकाल दी और विनोद तो जैसे दूसरी दुनिया में चला गया

शर्माओ मत बेटा बड़े शहरों में सब ऐसे ही होता है मैंने कहा मैंने जैसे ही अपनी ब्रा खोली विनोद भूल गया की मैं उसकी मां हूं अब वो मुझको अपना माल समझने लगा मैंने उसे अपने करीब खीच लिया अपनी सगी मां के साथ यौन संबंध बनाना आसान हो इसके लिए मैंने उसके दोनों हाथों को खींच कर अपने मम्मों पर लगा दिया आज मेरे बेटे विनोद का अपनी मां के नंगे जिस्म से परिचय हुआ

उसका साहस अब बढ़ गया मैंने आंखें बंद कर ली की लड़का शर्म ना करे विनोद अब मेरे दूध से भरे मम्मों को छूने और सहलाने लगा मैंने खुद अपने मुंह पर अपनी एक चुन्नी डाल ली अब विनोद मेरे साथ सब कुछ कर रहा था बिना मुझसे नजरे मिलाए ये तरकीब बड़ी कामयाब रही

कुछ देर बाद मैंने देखा विनोद मेरे मम्में उसी तरह चूस रहा था जैसे वो बचपन में चूसा करता था मुझे सकून मिला तभी विनोद ने मेरे दूध से भरे एक मम्में को कसकर दबा दिया तो उसमे से दूध ही दूध निकल पड़ा ये सीन देखकर तो 25 साल के विनोद का लंड खड़ा हो गया और झटके मारने लगा

मैंने पूरी तरह उसके बेड पर लेट गई मैंने अपने चेहरे से चुन्नी नही हटाई डरती थी कहीं वो पगला शर्मा कर भाग ना जाए अब मैंने एक नजर छिप के देखा तो विनोद मेरे दोनों मम्मों को मस्ती से चूस रहा था 15 दिन पहले ही मुझको बच्चा हुआ था इसलिए मेरे दोनों मम्मों में दूध उतरा हुआ था

दोस्तों दूध की तो गंगा ही बह रही थी विनोद जरा सा मेरे निपलो को दबाता था तो दूध ही दूध बहने लग जाता था मैंने विनोद के घुंघराले बालों में अपनी उंगलियां डाल दी और प्यार से सहलाने लगी विनोद अब मुझसे पूरी तरह से खुल गया मैंने अपनी दोनों टांगे फैला दी पर विनोद का ध्यान अभी तक मेरी चूत की तरफ नहीं गया

वो बार बार मेरे मम्मों को ही चूसे जा रहा था वो बार बार मेरे निपल दबाता था और दूध निकलता हुआ देखकर बहुत खुश होता था और दूध को चूसने लगता था

अब बेटा दूध ही पियोगे या अपनी मां को चोदोगे भी मैंने विनोद को कहा

अब जाकर विनोद का ध्यान मेरे मम्मों से खत्म हुआ अब मेरा तीसरा बच्चा इस दुनिया में आ चूका था पर आज भी मैं पतली दुबली थी मेरा फिगर मेंटेन था मेरे हाथ पैर बहुत ही गोरे और चिकने थे बस ये समझ लीजिए की मैं बिलकुल एक खरा सोना हूं

मेरे मक्खन जैसे जिस्म को देखते हुए ही मेरे हरामी पति ने मुझे अपने बोस के कमरे में जबर्दस्ती भेज दिया था उस रात मैं उसके बोस से पूरी रात चुदी थी पर बदले में उसने मेरे पति का प्रमोशन कर दिया था और दोस्तों आज इसी मेरे हरे भरे जिस्म पर विनोद भी मर मिटा था

विनोद मेरे पतले गोरे चिकने मखमल जैसे पेट को चूमता हुआ मेरी नाभि तक आ गया और उसमे उंगली करने लगा मुझे गुद्गुदी हुई फिर वो थोड़ी सी बर्फ ले आया और मेरी नाभि में रख दी मेरी तो फट गई दोस्तों विनोद शायद मुझको दूसरे स्टाइल से चोदना चाहता था कहां मैं चुदाई की गर्मी से मैं तड़प रही थी कहां बर्फ की ठंडक उसके उल्ट काम कर रही थी

मैं चुदाई के लिए बहुत तड़प रही थी वो बर्फ की ठडक से मैं और तड़प रही थी मैं बार बार कमर उठा रही थी मेरा बेटा शायद मुझको तड़पा तड़पा के चोदना पेलना चाहता था मुझे तो यही एहसास हुआ था फिर विनोद उस बर्फ के टुकड़े को नीचे और नीचे ले गया मैं ठंडक से तड़प उठी विनोद उस बर्फ के जालिम टुकड़े को मेरे मखमली पेट से होता हुआ मेरी चूत तक ले गया और चूत में उसने लगा दिया

मैं तो तड़प उठी दोस्तों अभी 15 दिन पहले मेरी चूत से बच्चा पैदा हुआ था और ये विनोद तो मुझ पर और सितम ढा रहा था अब बड़ी देर हो गई थी बर्फ का टुकड़ा जरा सा बचा तो विनोद ने मेरी चूत में डाल दिया मैं तड़प गई अब विनोद मेरी यानि अपनी सगी मां की चूत चूसने लगा

बेटा अच्छी तरह से देख लो तुम इसी चूत से निकले हो मैंने कहा

अब तो विनोद दुगनी लगन से मेरी चूत चूसने लगा जहां से वो पैदा हुआ था कुछ लड़के ही नसीब वाले होते है जो अपनी मां की चूत देख पाते है जहां से वो पैदा हुए होते है हल्की हल्की मेरी झांटे थी 15 दिन पहले बच्चा होने से मेरी चूत अब फट के बहुत बड़ा भोसड़ा हो गया था

विनोद मेरे भोसड़े को चूसने लगा मेरी चूत के दोनों होठ बड़ी बुरी तरह फट गए थे विनोद दोनों होठों को मजे से चूस रहा था जहां मैं सफेद गोरी थी वही मेरी चूत सावले रंग की थी पर विनोद मजे से चूस रहा था मैंने उसके नए नए मोटे से लंड को हाथ में ले लिया और मुठ मारने लगी

कुछ देर में विनोद का लंड रॉड सा मज्बुत हो गया

बेटा अब मुझको और मत तड़पाओ अब चोदो अपनी मां को मैंने कहा

विनोद ने मेरे दोनों पैर फैला दिए मेरे सफेद संगमरमर जैसे सफेद घुटनों और गदराई भरी भरी जांघों को उसने कई बार काम वासना से चूमा फिर उसने आखिर उस चूत पर अपना मोटा लंबा लंड रख दिया जहां से वो पैदा हुआ था थोडा धक्का दिया और मुझको चोदने लगा

आह बेटा जरा धीरे चुभ रहा है मैंने अपने बेटे से कहा

आज्ञाकारी बेटे की तरह विनोद ने अपने लंड को सही पोजिशन में किया और मुझको झटके देने लगा मैंने भी अब चुन्नी अपने चेहरे से हटा दी विनोद मेरे दूध को चूसे जा रहा था और मुझको पेले जा रहा था कुछ कुछ देर बाद वो मेरे निपल को दबा देता था मेरे मम्मों का दूध बहने लग जाता था

करींब 20 मिनट मेरे बेटे ने मुझको जबर्दस्त चोदा फिर स्खलित हो गया दोस्तों उस हसीन रात के बाद हर रात वो मुझको चोदने लगा आज 3 साल पुरे होने को आए है और मेरा बेटा विनोद आज भी रोज रात को मेरी चूत मारता है और कबी कबी मेरी गांड भी मार लेता है कैसी लगी indian maa beta sex story आपको
 
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